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पाकिस्तान में नया नियम: सरकार और सेना के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकेगा मीडिया, विपक्ष ने बोला हमला

विदेश: इस्लामाबाद। कोरोना महामारी (Corona Pandemic), महंगाई और आर्थिक तंगी (Financial scarcity) से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imaran Khan) ने मीडिया (Media) के कटाक्षों से बचने का रास्ता खोज लिया है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने मीडिया को लेकर नए नियमों (new rules) का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे लेकर पड़ोसी मुल्क में हंगामा बरपा है। विपक्षी दलों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People’s Party) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (Pakistan Muslim League Nawaz) ने नए कानून के प्रस्ताव को मीडिया मार्शल लॉ (media martial law) करार देते हुए कहा है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of expression) पर रोक का नियम है।

इमरान खान की सरकार पाकिस्तान मीडिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी आर्डिनेंस 2021 लाना चाहती है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। PML-N की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब (Maryam Aurangzeb) ने कहा कि यह मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश है। इसके जरिए सरकार मीडिया संस्थानों को अपना मुखपत्र बना लेना चाहती है या फिर उन्हें बंद होना पड़ेगा।





ऐसा है नए कानून का प्रस्ताव
इमरान सरकार ने ‘पाकिस्तान मीडिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी आर्डिनेंस-2021’ के तहत मीडिया से जुड़े पिछले कई कानूनों के विलय का प्रस्ताव पेश किया है। इस नए कानून के तहत प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक की नियमावली तय की जाएगी। इमरान सरकार का कहना है कि नए कानून के तहत एक अथॉरिटी (authority) का गठन किया जाएगा, जो देश में सभी तरह के मीडिया की नियमावली तय करेगी। नए नियमों के तहत देश में अखबार और डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों (TV channels) की तरह ही लाइसेंस की जरूरत होगी। इस ड्राफ्ट में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनलों, वीडियो लॉग्स आदि को लेकर भी नियमावली तय करने की बात कही गई है।

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