खरगोन दंगा पीड़ितों के साथ हुआ न्याय: 50 दंगाइयों से 15 दिन में वसूले जाएंगे 7.37 लाख
खरगोन। दंगे के बाद गठित देश के पहले क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने पहली बार एक साथ छह फैसले एक साथ सुनाए हैं, जिसमें 4 हिन्दू के में, जबकि 2 मुस्लिम पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुए साम्प्रदायिक दंगे में पथराव, लूट और लोगों के घर जलाने वाले 50 दंगाइयों से 7.37 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक यह पहला मौका है, जब क्लेक ट्रिब्यूनल इस तरह का फैसला सुनाया है। बता दें कि मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़के दंगों के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने क्लेम्स ट्रिब्यूनल का गठन किया था।
क्लेम ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि, अगर आवश्यकता हुई तो आरोपी की अचल संपत्ति को कुर्क करने के बाद नीलाम भी की जा सकती है। जिले के कलेक्टर और तहसीलदार भू-राजस्व की वसूली के समान और जो भी क्षतिपूर्ति हुई है उस राशि की वसूली करेंगे। यह राशि आरोपी पक्ष को 15 दिन के भीतर जमा करना होगी. इसके बाद 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा। बता दें कि दोनों पक्षों की सुनवाई, साक्ष्य और गवाहों के आधार पर जिला प्रशासन के आंकलन को आधार मानकर राशि तय की गई है।
कुल 343 में से 34 प्रकरण किए गए थे मान्य
तय गाइडलाइन के मुताबिक, क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला क्रिमिनल कोर्ट के फैसले से प्रभावित नहीं होगा। ट्रिब्यूनल में सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ. शिवकुमार मिश्रा और सेवानिवृत्त सचिव प्रभात पाराशर सदस्य हैं। शुरूआत में कुल 343 आवेदनों में से ऐसे 34 प्रकरण ट्रिब्यूनल ने मान्य किए थे, जिनमें आरोपी ज्ञात हैं। तीन आवेदकों ने अपने प्रकरण वापस ले लिए। छह मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद अब 25 मामले शेष हैं।
क्या है क्लेम ट्रिब्यूनल
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में न्यायालयों के अलावा विषय-विशेष के लिए अलग-अलग अर्द्ध-न्यायिक संस्थाओं का गठन किया जाता है। इनके पास अपने विषय को लेकर अदालतों जैसे ही अधिकारी होते हैं, जिसके तहत ये आदेश दे सकते हैं। देश में इस तरह के कुल 15 स्थायी अर्द्ध-न्यायिक संस्था या ट्रिब्यूनल हैं।