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विदेश मंत्री ने अमेरिका में क्यों कहा आतंक और बातचीत नहीं चल सकते?

नई दिल्ली। इन दिनों भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ( External Affairs Minister S.K. Jaishankar) ने अमेरिका के पांच दिवसीय दौर पर हैं। पूर्व एनएसए एचआर मैकमास्टर (McMaster) के साथ बातचीत में उन्होंने आतंकवाद (Terrorism) के मसले पर भारत के स्टैंड को एक बार फिर मजबूती से रखा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (pakistan) से आतंकवाद (terrorism ) और वार्ता (talk ) साथ-साथ नहीं चल सकते। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि दोनों पड़ोसी देशों को बड़े मसलों पर आखिरकार रास्ता निकालना ही होगा। एलओसी के मसले पर पाकिस्तान के साथ समझौते को उन्होंने बेहतर कदम बताया है।

इससे पहले एस जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया था कि भारत हमारे वक्त की बड़ी बहसों को आकार देना जारी रखेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति (T S Tirumurthy) और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों से संवाद के बाद उन्होंने यह बात कही थी। इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर स्थायी सदस्य के तौर पर भारत के शामिल होने के बाद जयशंकर की यह पहली अमेरिका यात्रा है।

इस दौरान एस. जयशंकर ने कोरोना (corona) समेत विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता वैश्विक सहयोग (Global cooperation) है। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर भारत में भयानक साबित हुई है और इसकी वजह से संक्रमण और मौतों का आंकड़ा बढ़ा।

उन्होंने कहा-हम ऑक्सीजन और हॉस्पिटलाइजेशन के चैलेंज से जूझ रहे हैं, अमेरिका इस मुद्दे से भलीभांति वाकिफ है। दूसरी लहर के दौरान वैश्विक सहयोग की तरफ इशारा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे वक्त में देशों का एक-दूसरे की मदद करना बेहद जरूरी है।

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