मध्यप्रदेश

बाबा विश्वनाथ की नगरी आध्यात्कि ऊर्जा का स्त्रोत, वाराणसी से भविष्य के लिए मिली नई प्रेरणा: शिवराज

भोपाल। बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी (Varanasi, the city of Baba Vishwanath) आध्यात्मिक ऊर्जा (spiritual energy) का स्त्रोत है। बाबा विश्वनाथ के कॉरिडोर (Corridor of Baba Vishwanath) का निर्माण अपने आप में न केवल भव्य है अपितु राष्ट्रीय पुनर्निर्माण (national reconstruction) का प्रतीक भी है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने वाराणसी से रवाना होने से पहले मीडिया से कही। वहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण हो रहा है। वाराणसी से भविष्य के लिए नई प्रेरणा और नई ऊर्जा मिली है।

शिवराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda), जिनका नाम नरेंद्र था, ने कहा था कि सुदीर्घ रजनी समाप्त हुई जान पड़ती है, महानिशा का अंत निकट है। जो अंधे हैं वे देख नहीं सकते, जो बहरे हैं वे सुन नहीं सकते। भारत माता एक बार फिर से आँखें खोल रही है और विश्व गुरु (Vishwa Guru) के पद पर अधिष्ठित हो रही है।

उन्होंने ने कहा कि एक नरेंद्र (स्वामी विवेकानंद) ने कहा था दूसरे नरेंद्र अर्थात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह करके दिखा दिया। PM ने विकास को एक नई दिशा दी है। इस बदलाव का अनुभव काशी में आकर होता है। आज भारत दसों दिशाओं में विकास कर रहा है। मन अपार आनंद से भरा है।

शिवराज ने अयोध्या में सरयू घाट और हनुमानगढ़ी में किया पूजन
सीएम शिवराज सिंह चौहान वाराणसी से अयोध्या पहुंचे यहां उन्होंने पत्नी साधना सिंह के साथ सरयू घाट और हनुमानगढ़ी में पूजन किया। इसके बाद वे रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इसके पहले सुबह वे वाराणसी के दौरान सुबह श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान हनुमान के दर्शन किए और भक्ति से ओत-प्रोत होकर सीता-राम, सीता-राम की धुन गाई। सीएम शिवराज ने कहा कि वाराणसी आकर मन अपार आनंद में डूब गया, अब हम संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन कर रामलला के दर्शन करने अयोध्या जा रहे हैं।

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