महंगाई पर विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपए के तेल बांड जारी किये गए जिस पर 6.4 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत ब्याज देय था।
नयी दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण में बजट पर चर्चा के दौरान केन्द्र सरकार ने कहा कि बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ रोजगार एवं उद्योग पर खास ध्यान है और इसमें देश को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका पेश किया गया है। भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि कोविड के गंभीर संकट के बीच हमारी सरकार ने बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के सशक्तीकरण पर ध्यान दिया है जो सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद यूक्रेन संकट के कारण एक अलग चुनौती पैदा हुई है और इसके कारण तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। महंगाई पर विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपए के तेल बांड जारी किये गए जिस पर 6.4 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत ब्याज देय था।
दुबे ने कहा कि इस तेल बांड के तहत सरकार द्वारा 3.22 लाख करोड़ रुपए लौटाने की बात थी। इस तेल बांड में बड़े-बड़े कारोबारियों ने निवेश किया था। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने किसके फायदे के लिये किया था? भाजपा सदस्य ने कहा कि मोदी सरकार ने पेट्रोल में इथेनाल मिश्रित करने की पहल की है जो तेल पर निर्भरता कम करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को सशक्त बनाने की बात करते हैं। इसका ही उदाहरण है कि भारत ने 50 अरब डॉलर के अनाज का निर्यात किया। उन्होंने कहा कि तेल पर निर्भरता को समाप्त करने के लिये हाइड्रोजन, बिजली के उपयोग को लेकर आगे बढ़ रहे हें। दुबे ने सवाल कि विपक्षी दलों के शासन वाली राज्य सरकारें क्यों पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली में पेट्रोल, डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) सबसे अधिक है जहां विपक्षी दलों की सरकारें हैं। भाजपा सदस्य ने कालाधन के खिलाफ कार्रवाई करने के सरकार के कदमों का भी उल्लेख किया।