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लोकसभा अध्यक्ष को लेकर जंग खत्म: ध्वनिमत से फिर स्पीकर चुने गए ओम बिरला, पीएम बोले-आपने नया इतिहास रचा, राहुल ने भी कही यह बात

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नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का बुधवार को तीसरा दिन रहा। सत्र के तीसरे दिन लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ। एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला एक बार फिर पार्लियामेंट के स्पीकर चुने गए। उन्हें ध्वनिमत से अध्यक्ष चुना गया। बता दें कि यह पहला मौका है जब भाजपा का कोई नेता दूसरी बार अध्यक्ष चुना गया है। ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव नरेन्द्र मोदी ने रखा था, जिसका केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत एनडीए के दिग्गजों ने मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया। लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ओम बिरला को आसंदी तक लेकर पहुंचे। गौरतलब है कि विपक्ष ने मतदान की मांग की थी। उनके उम्मीदवार के. सुरेश थे। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने यह मांग खारिज कर दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी बार स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको विश्वास है कि आने वाले पांच साल आप हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति सफल सदृश होता है। आपको तो मुस्कान भी मिली है। आपकी ये मीठी-मीठी मुस्कान हम सबको प्रसन्न करती आई है। दूसरी बार स्पीकर का कार्यभार मिलना, नए-नए रिकॉर्ड बनते देख रहे हैं। बलराम जाखड़ जी को पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद स्पीकर का दायित्व फिर से मिला था। इनके बाद आप हैं जिसे ये अवसर मिला है। आप जीतकर के आए हैं। नया इतिहास आपने गढ़ा है। हममें से ज्यादातर सांसद आपसे परिचित हैं। एक सांसद के रूप में आप जिस प्रकार से एक सांसद के नाते काम करते हैं, ये भी जानने और सीखने योग्य है।

राहुल-अखिलेश ने ओम बिरला को दी बधाई, कही यह बात भी
राहुल गांधी ने ओम बिरला को दोबारा स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा- यह हाउस देश की जनता की आवाज है। सरकार के पास राजनीतिक ताकत है। लेकिन विपक्ष भी जनता की आवाज है। यह जरूरी है कि जनता के बीच विश्वास बना रहे। मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज उठाने का मौका देंगे। सवाल यह है कि जनता की कितनी आवाज को यहां मौका मिलता है। वहीं अखिलेश यादव ने स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है। लोकसभा स्पीकर के रूप में आप सबको बराबर मौका देंगे। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, आपका अंकुश सत्तापक्ष पर भी रहे। आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। किसी भी जनप्रतिनिधि का निष्कासन जैसा न हो। किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज नहीं दबाई जानी चाहिए। आपकी कुर्सी लोकतंत्र के मुख्य न्यायाधीश की तरह है।

सुप्रिया सुले ने बधाई देकर कहा- अगले पांच साल इस बारे में न सोचें
सुप्रिया सुले ने कोविड काल में हर सांसद का खयाल रखने और उस दौर में हाउस चलाने के लिए स्पीकर ओम बिरला की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पांच साल में बहुत अच्छा काम किया लेकिन जब हमारे 150 लोग सस्पेंड हुए, तब बहुत दुख हुआ। अगले पांच साल सस्पेंशन के बारे में न सोचें।

डीएमके, टीडीपी समेत इन दलों के सांसदों ने भी ओम बिरला को दी बधाई
डीएमके सांसद टीआर बालू ने ओम बिरला को फिर से स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी। टीडीपी के देवरायलु, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी ओम बिरला को फिर से स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी। शिवसेना यूबीटी ने स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई देते हुए पीएम मोदी की ओर से पारित हुए कानूनों का भी जिक्र किया। शिवसेना यूबीटी सांसद अरविंद गणपति सावंत ने कहा कि एक कानून इस सदन ने तब पारित किया जब हम सस्पेंड थे- चुनाव आयुक्त का। उन्होंने किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी और अन्य समस्याओं का भी जिक्र किया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलिएगा।

सुदीप बंदोपाध्याय ने याद दिलाया सांसदों का निष्कासन
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई दी और एक दिन में 140 सांसदों के निष्कासन की याद दिलाई। इस पर विपक्षी सांसदों ने शेम शेम के नारे भी लगाए। उन्होंने ये भी कहा कि आसन सत्ताधारी दल के दबाव में न आए, जैसा पहले हुआ है जो अनुभव कहता है। शिवसेना के एसी बारने ने स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई दी।

ओम बिरला के बारे में जानिए
सबसे सक्रिय सांसदों में रहे, स्पीकर के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए भी जाने गए
राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला राजस्थान में तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।

बतौर सांसद पहले कार्यकाल में 86 फीसदी उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न और 163 बहसों में भागीदारी की थी। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया।

बिरला के कार्यकाल में नए संसद भवन का निर्माण हुआ।

तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून भी पारित हुए।

उन्होंने लोकसभा के 100 सांसदों के निलंबन व संसद की सुरक्षा पर कुछ कड़े फैसले लिए।

बिरला के नाम दर्ज होगा यह रिकॉर्ड
पांचवीं बार ऐसा हो रहा है कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए हैं।

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