विश्लेषण

लापरवाही की दूसरी लहर: काबू में आया कोरोना फिर हुआ बेकाबू, इसके लिए सिर्फ इंसानी लापरवाही जिम्मेदार

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में रोजाना मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले करीब चार महीनों में पहली बार 40,953 मरीज मिले हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ है कि काबू में आ चुकी महामारी एक बार फिर बेकाबू हो गई है। इसके लिए सिर्फ इंसानी लापरवाही जिम्मेदार है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोबारा महामारी को रफ्तार पकड़ने की दो वजहें हैं। पहला अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए दी गई ढील और वायरस को लेकर लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही।

इसी का नतीजा है कि अब स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में फरवरी में दस हजार से कम मामले थे। अचानक मार्च में कोरोना का प्रसार तेज हुआ। 20 मार्च तक पिछले सात दिनों में औसतन 31,651 मामले सामने आए हैं। इसमें से भी अधिकतर मामले महाराष्ट्र में मिले हैं। लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फिजिशियन डॉ. संदीप चौधरी बताते हैं कि लॉकडाउन में ढील के साथ ही लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी थी। शादी और अन्य सामाजिक समारोह का भी आयोजन बिना सावधानी के हो रहा है। इसी तरह की अन्य गतिविधियां देश में वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार हैं।

चेहरे से मास्क उतारना पड़ा भारी
केजीएमयू के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर यूनिट के हेड डॉ. वेद प्रकाश बताते हैं कि महामारी की गति धीमी हुई तो लोगों के चेहरे से मास्क लगभग उतर गया था। इस कारण भी वायरस को पनपने का मौका मिला। अब जब वायरस के प्रसार की गति तेज हो गई है तो एक व्यक्ति कितने को संक्रमित कर रहा है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। ऐसे में समझदारी जरूरी है।

सामाजिक दूरी असली कवच
सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचाव का असली कवच है पर लोगों ने इस सुरक्षा कवच को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं। शादी से लेकर अन्य धार्मिक आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ, चुनावी राज्यों में भारी भीड़ उमड़ रही है, लोगों का आना जाना भी ज्यादा हो रहा है। होली नजदीक है, ऐसे में अब कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगा पाना मुश्किल है।

मरीज बढ़ेंगे तो इलाज मुश्किल
चिकित्सकों का कहना है कि चिंताजनक बात ये है कि मरीज बढ़ेंगे तो अस्पतालों में सभी को बेड मिलना मुश्किल होगा। नतीजन समय पर मरीजों को इलाज नहीं मिलेगा और स्थिति गंभीर होती चली जाएगी। इस कारण देश में कोरोना से होने वाली मौतों का ग्राफ भी तेज होगा। संभव है कि स्थिति पहले की तरह हो जाए और गंभीर मरीजों की जान मुश्किल हो जाए।

अहमदाबाद में होगी सुपर स्प्रेडर्स की पहचान
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अहमदाबाद नगर निगम ने एक बार फिर से ह्यसुपर स्प्रेडरह्ण पहचान करने का फैसला लिया है। इसके तहत सब्जी विक्रेता, दवा की दुकान, परचून की दुकान, आॅटो रिक्शा चालक , सैलून मालिक, और राजमिस्त्री जैसे लोगों को वायरस जांच करवाने के बाद पहचान पत्र प्राप्त करना होगा। इनका रैपिड एंटीजन टेस्ट होगा। निगेटिव रिपोर्ट होने पर इन्हें पहचान पत्र दिए जाएंगे। इनके अलावा सुपर मार्केट में काम करने वालों व फूड डिलीवरी वालों को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा। इनको नियुक्त करने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह निजी प्रयोगशालाओं में जांच कराए।

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