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आरोप: तालिबानी मानसिकता से कम नहीं किसानों पर लाठीचार्ज, शिवसेना नेता ने केन्द्र पर कसा तंज

नई दिल्ली। हरियाणा (Haryana) के करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) का विरोध करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज (lathi charge on farmers) किया गया है। पुलिस के इस एक्शन के बाद से सियासी पारा गरमा गया है। कांग्रेस (Congress) के बाद अब शिवसेना (Shivsena) आक्रामक हो गई है। शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने आज केन्द्र सरकार (central government) पर हमला बोलते हुए कहा है कि किसानों पर किया गया लाठीचार्ज शर्म पैदा करने वाला है और तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।

राउत ने आगे भी हमला करते हुए कहा कि यह सरकार कैसे कह सकती है कि यह गरीबों के लिए है और किसानों के लिए है? यह किसानों की मन की बात भी नहीं सुनती है। वहीं इस बयान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत सोशल मीडिया (social media) पर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। विशाल गुप्ता नाम के यूजर ने शिवसेना नेता पर हमला बोलते हुए लिखा, और ये राउत व उसका नेता खुद क्या करता है जब इस के कार्यकर्ता लोगों को मारते है और उनके बाल काटते है तब वो इंसानियत दिखाते हैं क्या ??

ज्ञात हो कि करनाल के घरौंडा के टोल नाके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के एक कार्यक्रम का विरोध किया था। जिसको लेकर स्थानीय पुलिस ने किसानों खूब डंडे बरसाए थे। बताया यह भी जा रहा है कि पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसान घायल भी हो गए थे। कांग्रेस ने खट्टर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे जनरल डायर (General Dyer) जैसा व्यवहार करने का आरोप लगा दिया था।





धनखड़ की गाड़ी का भी किया विरोध
बसताड़ा टोल पर पिछले दिनों किसानों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ (BJP State President Omprakash Dhankhar) की गाड़ी को भी रोककर विरोध प्रदर्शन किया था और कुछ किसानों ने धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था। धनखड़ भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक में भाग लेने करनाल आ रहे थे। तभी बसताड़ा टोल से गुजरते हुए किसानों ने गाड़ी रोकने की कोशिश करते हुए काले झंडे दिखाए। इस दौरान किसानों ने सरकार और पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। मगर पुलिस ने मौके पर स्थिति संभालते हुए धनखड़ की गाड़ी को तुरंत वहां से आगे निकाल दिया।

हाईवे जाम करेंगे, पत्थर मारेंगे तो कानून अपना काम करेगा: मनोहर लाल
वहीं सीएम मनोहर लाल ने कहा कि किसी के कार्यक्रम में व्यवधान डालना लोकतंत्र विरोधी कदम है। अगर किसानों को प्रदर्शन ही करना था तो शांतिपूर्वक करते, हमें कोई आपत्ति नहीं होती लेकिन पुलिस पर पत्थर मारेंगे या हाईवे जाम करेंगे तो कानून अपना काम करेगा। जाम के दौरान जिसका कसूर होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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