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लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए बना आयोग, रिटायर्ड जज प्रदीप श्रीवास्तव को मिली जिम्मेदारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में 3 अक्टूबर को हुए बवाल की जांच (ruckus investigation) के लिए एक सदस्यीय आयोग (one member commission) का गठन कर दिया है। प्रदेश सरकार ने इसकी जिम्मेदारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्वत (Pradeep Kumar Srivaswat, retired judge of Allahabad High Court) को दी गई है। यूपी सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर कर दी है। श्रीवास्तव को दो महीने के अंदर जांच पूरी कर मामले की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। यानि आयोग को जांच के सिर्फ दो महीने का ही समय मिलेगा।

गवर्नर आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) की ओर से 6 अक्टूबर जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘कमिशन आफ इन्क्वायरी ऐक्ट, 1952 के सेक्शन 3 (Section 3 of the Commission of Inquiry Act, 1952) के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के अंतर्गत एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया जाता है। इसका मुख्यालाय लखीमपुर खीरी में होगा।’ आयोग को जांच के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से दो महीने तक का वक्त रिपोर्ट सौंपने के लिए दिया जा रहा है। आयोग के कार्यकाल में किसी भी तरह का बदलाव को लेकर सरकार फैसला लेगी।





सरकार ने 45-45 लाख मुआवजा देने की है घोषणा
योगी सरकार ने सभी 8 लोगों को जिनकी लखीमपुर खीरी कांड में मौत हुई है उनको मुआवजे की 45-45 लाख की राशि दी। इसमें 4 किसान, 2 बीजेपी के कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल थे। बता दें कि सरकार और किसानों का इसी शर्त पर समझौता हुआ था। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं मृतक किसानों के परिवार से एक-एक शख्स को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी।

बता दें कि लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. इन किसानों को एक गाड़ी ने कुचल दिया था। आरोप है कि गाड़ी को गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Minister of State for Home Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा चला रहे थे। घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें गाड़ी किसानों को कुचलकर आगे बढ़ती दिख रही है। अब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव इस मामले की जांच करेंगे। उनका मुख्यालय लखीमपुर में ही होगा। दो महीने के भीतर उनको रिपोर्ट देनी है।

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