सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सख्त हुई यूपी पुलिस, लखीमपुर हिंसा में शामिल आशीष पांडेय -लवकुश राणा को किया अरेस्ट
लखीमपुर। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की सख्ती के बाद लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में रविवार को हुए बवाल के 4 दिनों बाद पुलिस (Police) ने आशीष पांडेय (Ashish Pandey) और लवकुश राणा (Lavkush Rana) नाम के दो लोगों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि अब भी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Union Minister Ajay Mishra Teni) का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) लापता है। इस घटना में आशीष पांडे और लव कुश भी शामिल थे और दोनों घायल भी हुए थे। पुलिस को घटनास्थल से खाली कारसूतस (empty cartridge) भी मिले हैं. कारतूस की फॉरेंसिक जांच (forensic investigation) की जाएगी।
कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है, उनकी तलाश जारी है। पुलिस की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सामने आई है। बता दें कि आज ही सुबह मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार (UP government) से पूछा था कि अब तक कितने लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया गया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट (status report) मांगी है।पुलिस ने आशीष पांडे और लव कुश नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर उस गाड़ी में मौजूद रहने का आरोप है जो जीप थार के पीछे-पीछे चल रही थी।
आईजी रेंज ने बताया कि लखीमपुर हिंसा के तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मामले में हत्यारोपी आशीष मिश्रा को भी पूछताछ के लिए समन भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, विपक्ष ने मामले में हत्यारोपी बनाए गए केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है।
इससे पहले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने आज को कहा कि लखीमपुर कांड के दोषियों को अभी तक न्याय नहीं मिला, न्याय कैसे मिलेगा अगर वे गृहराज्य मंत्री रहेंगे। ये सब उनके अंडर आता है न। जबतक वे बर्खास्त नहीं होंगे निष्पक्ष जांच कौन करेगा? तीनों परिवारों ने एक ही बात कही कि मुआवजे से मतलब नहीं है, हमें न्याय चाहिए. प्रियंका ने आगे कहा, ‘इसके लिए मैं लडूंगी। जबतक ये मंत्री बर्खास्त नहीं होंगे और जबतक ये लड़का गिरफ्तार नहीं होगा तबतक मैं बिल्कुल अडिग रहूंगी क्योंकि मैंने उन परिवारों को वचन दिया है। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के अंडर जांच होनी चाहिए। नैतिक आधार पर मंत्री इस्तीफा दें।