रोचक हुआ इजरायल का चुनाव: कट्टर इस्लामिक पार्टी के भरोसे नेतन्याहू की ताजपोशी

येरूशलम। इजराइल के चुनावों में जबरदस्त रोमांचक स्थिति आ गई है। जहां पांच सीटें जीतने वाली एक कट्टर इस्लामी पार्टी किंगमेकर के रूप में उभरी है। यानी इजराइल में एक कट्टर इस्लामी पार्टी तय करेगी कि कट्टर दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री नेतन्याहू अगले प्रधानमंत्री बनेंगे कि नहीं। इजराइल में हुए चुनावों के मतदानों की गिनती लगभग पूरी हो गई है। जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में अरब केंद्रित एक कट्टर इस्लामी पार्टी एकदम बीच में खड़ी हुई है जिसके हिस्से मात्र 5 सीटें आईं हैं, जो ये तय करेगी कि अबकी बार कौन प्रधानमंत्री बनेगा।
वर्तमान में नेतन्याहू इजराइल के प्रधानमंत्री हैं उनका भविष्य भी इस कट्टर इस्लामी पार्टी की करवट पर निर्भर करता है। इस कट्टर इस्लामी पार्टी का नाम है- यूनाइटेड अरब लिस्ट इसे हिब्रू भाषा में फेंं कहा जाता है। दरअसल नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और उसके सहयोगी दलों को मिलाकर नेतन्याहू के गठबंधन को 59 सीटें मिल रही हैं, जबकि इजराइल की संसद में कुल 120 सीटें हैं। इजराइल की संसद को नेसेट कहते हैं। इसमें बहुमत के लिए चाहिए-61 सीटें। ऐसे में नेतन्याहू एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने से मात्र 2 सीटें दूर हैं।
वहीं दूसरी तरफ नेतन्याहू के सामने जो गठबंधन है वो नेतन्याहू के गठबंधन से मात्र 3 सीटें पीछे है। यानी विपक्षी गठबंधन को 56 सीटें मिलने जा रही हैं। और इन दोनों के बीच जो पार्टी है यानी यूनाइटेड अरब लिस्ट, उसके खाते में इस बार पांच सीटें आने जा रही हैं। ऐसे में सत्ता की चाबी इस बार एक कट्टर इस्लामी पार्टी के हाथ में है। जबकि इजराइल की राजनीति मोटे तौर पर यहूदी केंद्रित है जहां इस्लामी पार्टियों के लिए न के बराबर जगह है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि यूनाइटेड अरब लिस्ट पार्टी ने अभी अपने पत्ते साफ नहीं किए हैं कि वो किस ओर करवट लेगी। पर इतना तय है कि इजराइल की संसद का समीकरण वहां आ अटका है जहां नेतन्याहू की गद्दी एक कट्टर इस्लामी पार्टी के हाथ में है। जो चाहे तो नेतन्याहू को एक बार फिर गद्दी पर बिठा दे, वो चाहे तो लंबे समय से राज कर रहे नेतन्याहू को सत्ता से उतार दे।