
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लगातार दूसरे दिन चिंता पैदा करने वाली बड़ी खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक रुपए में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया शुक्रवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 81.20 के आॅल-टाइम लो पर पहुंच गया है। इससे पहले गुरुवार को भी भारतीय रुपये का कमजोर प्रदर्शन रहा, जहां कारोबार की शुरूआत में वो 41 पैसे टूट 80.38 पर पहुंचा। इस खबर के सामने आते ही विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
जानकारी के मुताबिक यूएस ट्रेजरी यील्ड्स के कई साल के हाई पर पहुंचने और इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की ऊंची डिमांड के कारण रुपये में यह गिरावट आई है। दरअसल अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने रेपो दर में 75 आधार अंकों की वृद्धि की थी, जिसके बाद से ब्याज दरें बढ़ गई हैं। ये उम्मीदों के अनुरूप लगातार तीसरी वृद्धि है, जिसका मतलब है कि निवेशक मौद्रिक के बीच बेहतर और स्थिर रिटर्न के लिए अमेरिकी बाजारों की ओर बढ़ेंगे। फेड ने ये भी संकेत दिया कि अभी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी और ये दरें 2024 ऊंचाई पर ही रहेंगी।
यूएस बॉन्ड यील्ड्स में 4.1% का उछाल आया
यूएस डॉलर इंडेक्स 111 की रेंज के ऊपर बना हुआ है। वहीं, यूएस बॉन्ड यील्ड्स में 4.1 पर्सेंट का उछाल आया है। ट्रेडर्स का कहना है कि रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (फइक) की तरफ से आक्रामक तरीके से दखल न दिए जाने और यूएस फेडरल रिजर्व के रेट आउटलुक के कारण रुपये में गिरावट देखने को मिली है। 10 साल की अवधि वाले यूएस ट्रेजरी यील्ड में 3.70 पर्सेंट और दो साल वाले ट्रेजरी यील्ड में 4.16 पर्सेंट का उछाल आया है।
क्यों मजबूत हो रहा डॉलर?
दरअसल कोरोना महामारी के बाद अमेरिका की अर्थव्यवस्था बेहतरीन प्रदर्शन कर रही। वहां पर महंगाई दर ज्यादा है और रोजगार की स्थिति भी मजबूत है। इसके अलावा अन्य सेक्टर भी अच्छा काम कर रहे हैं। फेडरल रिजर्व भी महंगाई काबू करने के लिए कई कड़े कदम उठा रहा, जिस वजह से डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है।
और गोता लगा सकता है रुपया
यूएस डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 80.86 रुपये के रिकॉर्ड लो पर बंद हुआ था। वहीं, बुधवार को रुपया 79.97 के स्तर पर था। डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को 111.35 के स्तर पर लगभग फ्लैट रहा, यह दो दशक के अपने हाई 111.81 के करीब रहा। डॉलर इंडेक्स गुरुवार को इस स्तर पर पहुंचा था। एशियन करेंसीज में गुरुवार को रुपया सबसे ज्यादा गिरावट वाली करेंसीज में रहा। एनालिस्ट्स का कहना है कि रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है। उफ फॉरेक्स ए़डवायजर्स ने एक नोट में कहा है कि शॉर्ट टर्म में रुपया नए लो को टेस्ट कर सकता है। हमारा मानना है कि आने वाले समय में रुपया 81.80 से 82 रुपये तक जा सकता है।