रीवा। एंटी एवीजन ब्यूरो सतना की 15 सदस्यीय टीम ने शनिवार को रीवा में बड़ी कार्रवाई की है। यहां के धोबिया टंकी-पीटीएस चौराहा मार्ग में स्थित निर्माणाधीन काम्पलेक्स में चल रही पांच फर्माें में एक साथ दबिश दी। इन फर्मों को हरियाणा के व्यापारी चला रहे थे। जिसमें तीन माह में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है। सुबह से शुरू हुई छापामार कार्रवाई देर रात तक जारी रही।
बताया गया है कि पीटीएस चौराहा के समीप तरुणेन्द्र सिंह व प्रभात सिंह का काम्पलेक्स बन रहा है। जिसमें हरियाणा के व्यापारी राजन कुमार व मोहित कुमार ने पांच दुकानों को करीब तीन माह पूर्व किराये पर लिया था। इन दुकानों में न्यू एरा इंटर प्राइजेज, बिग बुल इंटरप्राइजेज, क्लो स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नियो किंग इंटर नेशनल एवं बेलकोज इंटर नेशनल इंटर प्राइजेज नाम से फर्म संचालित हो रही थी। इन फर्मों में उक्त व्यापारी पार्टनर और प्रोपराइटर थे। करीब तीन माह पूर्व ही इनका सीजीएसटी व एसजीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया गया था। खास बात यह है कि तीन माह के दरमियान ही इन फर्मों में करोड़ों रुपये का ट्रांजक्शन हुआ। जिसके बाद एंटीएवीजन ब्यूरो सतना की नजर इस पर पड़ी। यही वजह है कि तहकीकात करने डिप्टी कमिश्नर उमेश त्रिपाठी के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम ने शनिवार को छापा मारा। लेकिन इन फर्मों में दस्तावेज के अलावा कुछ भी नहीं मिला। संचालक व पार्टनर भी यहां मौजूद नहीं थे। ऐसे में फर्म के दस्तावेजों को जब्त कर टीम वापस चली गई।
आॅटो पार्ट्स व मशीनरी का था कारोबार
उक्त सभी फर्मांे से आॅटो पार्ट्स व मशीनरी बेचना बताया गया था। संचालकों ने तीन माह के दरमियान इन फर्मों करोड़ों रुपये का लेनदेन करना बताया। लेकिन मौके पर जीएसटी टीम को दस्तावेजों के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा। ऐसे में माना जा रहा है कि टैक्स चोरी करने की नियत से इन फर्मों को खोला गया था और रजिस्ट्रेशन कराया गया था।
बैंक डिटेल खंगालेगी टीम
अब जांच टीम उक्त फर्मों के पैन कार्ड को खंगालेगी। जिससे पता चलेगा कि किन-किन बैंक में इनका खाता है और संपत्ति कहां-कहां है। लिहाजा उक्त खातों को सीज करा कर संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई भी की जायेगी। यह कार्रवाई अब सोमवार को शुरू की जायेगी।
संचालक ने फोन किया बंद
टीम ने बताया कि फर्म संचालक राजन कुमार व मोहित कुमार से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया। मोहित का मोबाइल लगा ही नहीं, जबकि राजन कुमार से एक बार बात हुई। इस दौरान उसने बताया कि वह दिल्ली में हैं और कॉल काट दिया। इसके बाद टीम की ओर से कई बार फोन लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया।
रजिस्ट्रेशन होगा कैंसिल
एंटी एवीजन ब्यूरो उक्त फर्म का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराने की कवायद कर रही है। बताया गया है कि उक्त फर्मांे में तीन सीजीएसटी और दो एसजीएसटी से रजिस्टर्ड थी। अब इन फर्माें के आईटीसी यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट की जांच कर रही है। इसमें भी चोरी पकड़े जाने की संभावना है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आईटीसी का लाभ लेने के लिये ही उक्त फर्मों के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया गया था।