भोपाल। विंध्य के विकास में एक और अध्याय जुड़ गया है। दरअसल रीवा एयरपोर्ट को डीजीसीए से यात्री और मालवाहक उड़ानों के संचालन के लिए आधिकारिक लाइसेंस मिल गया है। इसके बाद अब यात्री उड़ानों के साथ ही मालवाहक उड़ानों का परिचालन हो सकेगा। इतना ही नहीं रीवा एयरपोर्ट पर दिन-रात 72 सीटर एयरक्राफ्ट उतर सकेंगे। रीवा को यह सौगात मिलने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुशी जाहिर की है। साथ ही केंद्र सरकार का भी आभार जताया है। बता दें कि रीवा एयरपोर्ट 100 करोड़ की लागत से 18 महीनों में बनकर तैयार हुआ है। इस एयरपोर्ट से रीवा के विभिन्न सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे क्षेत्र में व्यापार, रोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में भी विस्तार होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा एयरपोर्ट को डीजीसीए से लाइसेंस मिलने पर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्री ाम मोहन नायडू किंजारापु का धन्यवाद देते हुए कहा कि एयरपोर्ट प्रदेश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी और व्यापारिक संभावनाओं को नया आयाम देगा। रीवा एयरपोर्ट के चालू होने से प्रदेश का विंध्य क्षेत्र न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। सीएम ने यह भी कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत-विकसित मध्यप्रदेश अभियान के अंतर्गत यह एयरपोर्ट क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
एयरपोर्ट से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में होगा सुधार
रीवा एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही विंध्य क्षेत्र के लोगों के लिए उड़ानों के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से सीधा संपर्क स्थापित होगा। इसके अतिरिक्त, इस एयरपोर्ट से क्षेत्र के विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों जैसे रीवा के किले, गोविंदगढ़ और अन्य पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रीवा एयरपोर्ट का परिचालन शुरू होने से क्षेत्र में व्यापार और निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे। मालवाहक उड़ानों के संचालन से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में सहायता मिलेगी, जिससे व्यापार का विस्तार होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।