राहत भरी खबर: अफगानिस्तान में लड़कियों को शिक्षा देने तालिबान कई प्रांतों में जल्द खोलेगा स्कूल, यूएन का दावा
नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का राज फिर से स्थापित होने के बाद देश की महिलाओं और लड़कियों (women and girls) को लेकर एक बार फिर चिंता सताने लगी है। इस बीच अब एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारियों ने कहा कि तालिबान जल्द ही लड़कियों की शिक्षा को बढ़ाने के लिए कई प्रांतों में माध्यमिक विद्यालय (Secondary school) खोलने की घोषणा करने वाला है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पांच – उत्तर पश्चिम में बल्ख, जवज्जन और समांगन, उत्तर पूर्व में कुंदुज और दक्षिण पश्चिम में उरोजगान पहले से ही लड़कियों को अनुमति दे दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक कई मुस्लिम देश (Muslim country) महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर अफगानिस्तान जाने की योजना भी बना रहे हैं। इस सिलसिले में तुर्की के विदेश मंत्री (Turkish Foreign Minister) और इंडोनेशिया की विदेश मंत्री(Indonesia’s foreign minister) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी साथ की है। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के हालातों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। ये सभी लोग तालिबान को इस बात का एहसास दिलाना चाहते हैं कि महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना इस्लाम के खिलाफ है। इस प्रस्ताव को लेकर पश्चिमी देशों के राजनयिकों ने भी समर्थन दिया है।
बता दें कि पिछले हफ्ते काबुल का दौरा करने वाले यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी (UNICEF Deputy Executive Director Omar Abdi) ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि तालिबान के शिक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी लड़कियों को छठी कक्षा से आगे अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक रूपरेखा पर काम कर रहे हैं, जिसे एक और दो महीने के बीच प्रकाशित किया जाएगा।
ज्ञात हो कि अफगानिस्तान में तालिबान ने नियंत्रण स्थापित करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े-बड़े वादे किए। इनमें लोगों की सुरक्षा, महिलाओं को गरिमापूर्ण जीवन, बेहतर अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे कई अहम वादे शामिल थे। हालांकि सरकार बनाने के बाद से ही तालिबान अपने ज्यादातर वादों पर यू-टर्न ले चुका है। अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के हालात तो बदतर हैं ही, महिलाओं से काम करने की आजादी छिन गई है और अब तक महिलाओं की शिक्षा को लेकर भी तालिबान किसी तरह का ठोस फैसला नहीं कर पाया है. अब कई इस्लामिक देश इस मामले में एक्टिव हुए हैं।