मध्यप्रदेश

दिग्गी के रामधुन पर नरोत्तम ने घेरा: कहा- यह राजनीतिक पाखंड से ज्यादा कुछ नहीं

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) की राजधानी भोपाल (capital Bhopal) के हुजूर विधानसभा (Huzoor Assembly) से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा (BJP MLA Rameshwar Sharma) द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं घुटने (Congress workers knee) तोड़ने वाले बयान के बाद सियासत गरमाई हुई है। इसी कड़ी में शर्मा को जवाब देने के लिए मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister of mp) और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Congress Rajya Sabha MP Digvijay Singh) ने रामधुन (Ramdhun) कार्यक्रम आयोजित किया। इसी रामधुन के साथ उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा विधायक के घर भी पहुंचे। लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण दिग्गी वहां तक नहीं पहुंच पाए। इस बीच अब मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP Home Minister Narottam Mishra) ने दिग्गी के रामधुन पर तंज कसा है।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ये अच्छी बात है कि चचा जान “दिग्विजय सिंह” रामधुन गाने वाले हैं। लेकिन उन्हें एक बात ध्यान रखना चाहिए कि कहीं रामधुन गाने पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)- राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उनके खिलाफ फतवा (fatwa) ना जारी कर दें। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की रामधुन राजनीतिक पाखंड (political hypocrisy) से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

गृह मंत्री ने कहा कि सब जानते है कि चचा जान दिग्विजय सिंह वहीं है, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण (Ram temple construction) की तारीख पर सवाल उठाते है, राम सेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाते है, सेना के पराक्रम पर सवाल उठाते है, जाकिर नाइक (Zakir Naik) को शांति दूत बताते है। वही दिग्विजय सिंह आज रामधुन गा रहे है। उन्होंने दिग्विजय सिंह से पूछा है कि अगर वो यह सब दिल से करते हैं तो प्रसादी खाने से क्यों मना कर दिया? इफ्तारी खाने से तो कभी मना नही किया? मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को रामधन गाने के साथ ही प्रसादी भी खाना चाहिए थी।

नरोत्तम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि लोग जान चुके है कि भाजपा नहीं कांग्रेस साम्प्रदायिकता फैलाती है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Congress leader Salman Khurshid) हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी संगठनों से करते है, तो राशिद अल्वी (Rashid Alvi) राम का नाम लेने वालों की तुलना कालनेमि राक्षस से करते है। हम तो केवल इसका जवाब देते हैं। सहिष्णुता का आशय यह कतई नहीं है कितना सब सुनने के बाद भी हम धारण किए रहें। कांग्रेसी यदि अनर्गल प्रलाप करेंगे तो उसका उन्हें माकूल जवाब दिया जाएगा।

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