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12 सदस्यों के निलंबन का मामला: राज्यसभा में नहीं थम रहा गतिरोध, हंगामे के बीच कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली। विपक्षी सांसदों के निलंबन (suspension of opposition MPs) के मुद्दे पर सोमवार को भी राज्यसभा (Rajya Sabha) में गतिरोध नहीं थमा और सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी पार्टियों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू (Rajya Sabha Chairman Venkaiya Naidu) ने कहा कि सदन में शांति बहाल करें और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने दें उन्होंने कहा, मेरी प्राथमिकता है कि सदन में अनुशासन और मर्यादा का पालन हो, चर्चा हो, लेकिन इसके बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। जिसके बाद गुस्साए सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

नायडू ने कहा कि शुक्रवार को उन्होंने सरकार और विपक्ष से आग्रह किया था कि वे सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर आपस में बात करें और गतिरोध समाप्त करें ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा, लेकिन मंत्री ने मुझसे मुलाकात की उन्होंने मुझे जो बताया वह बेहद निराशाजनक है। इसके बाद भी जब सदस्यों का हंगामा नहीं थमा तब उन्होंने यह कहते हुए सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी कि चर्चा हो… निर्णय हो…यह मेरी कामना है। लेकिन आप इसके पक्ष में नहीं दिख रहे हैं।





बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कांग्रेस (Congress) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को, मॉनसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (MCP) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना (Shivsena) की प्रियंका चतुवेर्दी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

विपक्ष इन सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा है जबकि सरकार का कहना है कि जब तक ये सदस्य माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाएगा। इसी वजह से सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। शुक्रवार को नायडू ने सरकार और विपक्षी दलों से आग्रह किया था कि वह आपस में चर्चा कर गतिरोध दूर करें।

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