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कैबिनेट में फेरबदल के बाद भी कलह नहीं हो रही खत्म, मंत्री का पद न मिलने से नाराज विधायक ने CM से पूछा यह सवाल

जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में गेहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में फेरबदल होने के बाद जहां एक ओर पायलट गुट संतुष्ट (pilot group satisfied) नजर आ रहा है, तो वहीं गहलोत समर्थकों (gehlot supporters) में असंतोष बढ़ गया है और अंदर ही अंदर कलह और बढ़ने लगी है। जिन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला उन्होंने पार्टी के खिलाफ स्वर तेज कर दिए हैं। इस बीच उदयपुर से विधायक दयाराम परमार (Udaipur MLA Dayaram Parmar) मंत्री पद न मिलने से खासे नाराज हैं। यहां तक की उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को चिट्ठी तक लिख डाली है।

विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया है कि मंत्री का पद पाने के लिए कोई विशेष योग्यता (Special Qualification) की जरूरत होती है। जब 15 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है, तो हमें क्यों नहीं। वहीं दानिश अबरार सचिन पायलट (सचिन पायलट) के दोस्त थे जो दिल्ली में उनका साथ छोड़ कर गहलोत कैंप में शामिल हो गए थे। राजकुमार शर्मा का नाम मंत्री बनने की सूची में तय माना जा रहा था मगर नाम कटने से वो दुखी थे। हालांकि उन्हें मुख्यमंत्री का सलाहकार बना दिया गया है।

बता दें कि कांग्रेस के छह वरिष्ठ विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार बनाया गया है। इनमें डॉ जितेंद्र सिंह, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा और दानिश अबरार शामिल हैं। इन सलाहकारों को राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। बता दें कि इसमें से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा ने सचिन पायलट के खिलाफ कुछ दिन पहले ही मोर्चा खोला था।

माना जा रहा है कि इन नेताओं को पायलट के खिलाफ बोलने का इनाम मिला है। डॉक्टर जितेन्द्र सिंह गुर्जर समुदाय से आने वाले वरिष्ठ विधायक हैं जो गहलोत सरकार के पिछले दोनों सरकारों में मंत्री रहे थे।

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