ज्योतिष

रक्षाबंधन के दिन बहनें भूलकर भी न करें ये काम, होता है अशुभ

पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व 22 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। हर साल सावन पुर्णिमा के दिन यह त्योहार मनाया जाता है। पूर्णिमा की तिथि का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। यह तिथि शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानी गई है। इस तिथि को श्रावण पूर्णिमा भी कहते हैं। रक्षा बंधन का पर्व पूरे भारत वर्ष में बहुत ही श्राद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षा या राखी बांधती हैं और उनके सुखद एवं दीर्घ जीवन की कामना करती हैं। रक्षा बंधन के दिन बहनों को कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है वरना इसका असर भाईयों पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं रक्षा बंधन के दिन किन कार्यों को नहीं करना चाहिए

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 22 अगस्त, रविवार को प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से प्रात: 10 बजकर 34 मिनट तके तक शोभन योग रहेगा, धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। 22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा।

भूल कर भी न करें ये काम
रक्षा बंधन पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. रक्षा बंधन पर स्वच्छता के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसके साथ ही शुभ मुहूर्त में विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। विधिवत राखी की थाली को सजाना चाहिए। इस दिन क्रोध और अहंकार से बचना चाहिए , हर प्रकार की बुराई और गलत आदतों का त्याग करते हुए इस पर्व को श्रद्धाभाव से मनाना चाहिए , रक्षा बंधन पर बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।

रक्षाबंधन के दिन भद्रा और राहुकाल में कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए। इन दोनों ही समय को अशुभ माना जाता है। भद्रा और राहुकाल में किए गए कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती है। हालांकि इस वर्ष रक्षाबंधन भद्रा से मुक्त हैं, हालांकि इस दिन राहुकाल का ध्यान रखें।

रक्षाबंधन के अवसर पर आपको काले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए। काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसका प्रयोग न करें तो अच्छा है।

भाई को राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसका मुख दक्षिण दिशा में न हो। राखी बंधवाते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख होना ठीक रहता है।

भाई और बहन रक्षाबंधन के अवसर पर एक दूसरे को रूमाल और तौलिया उपहार में न दें। यह शुभ नहीं होता है।

. बहनों को धारदार या नुकीली चीजें उपहार में न दें। इस दिन दर्पण और फोटो फ्रेम जैसे गिफ्ट भी देने से बचें।

भाई को तिलक के समय अक्षत् लगाने के लिए खड़े चावल का प्रयोग करें, टूटे चावल का नहीं। अक्षत् का अर्थ ही होता है जिसकी कोई क्षति न हो।

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