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दिल्ली सीएम को बड़ी राहत: मुख्य सचिव से मारपीट के मामले में कोर्ट से बरी हुए केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) सहित कई लोगों को आज बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश (Chief Secretary Anshu Prakash) के साथ कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) समेत अन्य 9 विधायकों को बरी कर दिया है। हांलाकि कोर्ट ने इस मामले में आप के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान (amanatullah khan) और प्रकाश जरवाल (Prakash Jarwal) के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। बता दें कि यह यह मामला साल 2018 का है।

अदालत से बरी किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट (Tweet) कर प्रतिक्रिया दी और उन्होंने लिखा कि सत्यमेव जयते। ज्ञात हो कि अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट के मामले अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत जिन अन्य विधायकों का इस पूरे मामले में नाम था वो अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार व दिनेश मोहनिया शामिल हैं।

कोर्ट का निर्णय आने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह सत्य की जीत है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है। अदालत ने कहा कि इस मामले में सभी आरोप झूठे और आधारहीन थे। CM आज उस झूठे केस में बरी हुए। हम पहले भी कहते रहे हैं कि सभी आरोप झूठे थे। यह मुख्यमंत्री के खिलाफ एक षड्यंत्र था।





तीन साल पुराना है मामला
आपको बता दें कि ये मामला फरवरी 2018 का है, तब के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश द्वारा आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आधी रात को बुलाया था। तब मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य 11 विधायकों द्वारा उनके साथ मारपीट की गई थी। ये मामला हाईकोर्ट (High Court), सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक भी पहुंचा था। अंशु प्रकाश द्वारा आरोप लगाया गया था कि अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के सामने विधायकों ने हाथापाई की. हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) ने सीसीटीवी फुटेज (cctv footage) के दावों के साथ इन आरोपों को गलत करार दिया था।

घटना के वक्त ये था आम आदमी पार्टी का दावा
AAP का कहना है कि उन्होंने ढाई लाख राशन कार्ड धारकों को राशन ना मिलने के कारण मुख्य सचिव के साथ बैठक की थी। बैठक में जब मुख्य सचिव से इस बारे में जवाब मांगा गया तो वो बोले कि ‘मैं सिर्फ एलजी के आदेश लेता हूं, उन्हें ही जवाब दूंगा’। प्रमुख सचिव के इस आरोप को आम आदमी पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया था।

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