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यूक्रेनी लोगों को स्वीकार कर लेना चाहिए, हम नाटो में नहीं हो सकते शामिल: यूद्ध के 21वें दिन जेलेंस्की का बड़ा बयान

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज 21वां दिन है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने बड़ा बयान दिया है। एक न्यूज एजेंसी की ओर से बताया गया है कि जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों से कहा है कि उनको इस तथ्य को स्वीकार कर लेना चाहिए कि हम नाटो में शामिल नहीं हो रहे हैं। इससे पहले यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे अब तक मंजूरी नहीं मिली। हालांकि यूक्रेन पर आक्रमण करने वाला रूस नाटो सदस्यता को ही इसका सबसे बड़ा कारण बता रहा है।

जेलेंस्की ने संयुक्त अभियान बल के नेताओं के साथ बैठक में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है। हम यह समझते हैं। हम पर्याप्त लोग हैं।’ उन्होंने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के प्रयासों पर कहा, ‘सालों से हमने कथित रूप से खुले हुए दरवाजे के बारे में सुना है, लेकिन हमने यह भी सुना है कि हमें प्रवेश नहीं करना चाहिए और यह सच है और हमें इसे मानना चाहिए।’ मुल्क साल 2008 से नाटो की सदस्यता का प्रयास कर रहा है।

हालांकि, जेलेंस्की ने यह भी साफ किया कि रूसी आक्रमण के बीच यूक्रेन के सुरक्षित रखने के लिए नाटो के सहयोगियों से रक्षा की गारंटी जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन में रूस के आक्रमण ने हमारे क्षेत्र में सुरक्षा आधार को खत्म कर दिया।’ यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह नाटो के सहयोगियों की तरह ही यूक्रेन के आसमान की भी रक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे समझते हैं कि ऐसे हालात में हमेशा ‘लेकिन’ शामिल होता है।





बता दें कि रूसी सेना का यूक्रेन के कई शहरों पर आक्रमण जारी है। इस युद्ध से दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने ट्विटर पर बताया है कि जंग शुरू होने से अब तक रूसी सेना के 13,500 जवान मारे गए हैं। कुलेबा के मुताबिक यूक्रेन ने रूसी सेना के 1279 बख्तरबंद वाहन तबाह कर दिए हैं। यूक्रेन ने रूस के 81 एयरक्रॉफ्ट और 95 हेलीकॉप्टर मार गिराए हैं।

24 फरवरी से यूक्रेन पर हमला
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को अपनी फौजों को यूक्रेन में घुसने की इजाजत दी थी। तब से यूक्रेन के ज्यादातर शहर रूसी फौजों की जद में हैं। पुतिन का कहना है कि रूस के आॅपरेशन का लक्ष्य उसका विसैन्यीकरण और तटस्थ स्थिति के लिए है। रूस लंबे समय से यूरोपीय संगठनों खासकर नाटो के साथ यूक्रेन के जुड़ाव का विरोध करता रहा है. इसके अलावा भी उसकी कुछ मांगे हैं, जिन पर वो यूक्रेन की सहमति चाहता है। कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे यूक्रेन को लेकर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन पश्चिमी देशों के हाथों की कठपुतली बना हुआ है। जिससे रूस की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है.।

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