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बड़ी राहत: यूएई द्वारा तेल उत्पादन बढ़ाने के संकेतों के बीच 18 फीसदी गिरा क्रूड, 110 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा कच्चा तेल

मेलबर्न। यूएई द्वारा तेल उत्पादन बढ़ाने की खबरों के बीच बड़ी राहत वाली खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 18 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। जिसके बाद ब्रेंट क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया है। बता दें कि रूस यूक्रेन संकट की वजह से कीमतों में एक हफ्ते में 30 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल ब्रेंट क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गया था। जो बीते 14 सालों में सबसे ज्यादा था।

आपूर्ति संकट के बीच यूएई के राजदूत ने कहा कि वह कच्चे तेल उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में है। उन्होंने यह भी कहा कि यूएई 8 लाख बैरल तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है। जो कि रूस पर लगे प्रतिबंधों से घटी सप्लाई के सातवें हिस्से की भरपाई कर देगा। इस बयान के बाद ब्रेंट क्रूड 2.53 डॉलर या 2.28 फीसदी गिरकर 113.67 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। डब्ल्यूटीआई 1.64 डॉलर या 1.51% सस्ता होकर 110.34 डॉलर पर आ गया।





वहीं आने वाले समय में ईरान से भी सप्लाई बढ़ने का अनुमान है जिससे भी आगे दबाव और कम होने का अनुमान लगाया जा सकता है। इन संकेतों को देखते हुए जानकारों ने अनुमान दिया है कि कीमतों में आगे और कमी आ सकती है. दरअसल तेल उत्पादक देशों को भी आशंका है कि तेल कीमतों में इतने उछाल से मांग पर नकारात्मक असर पड़ेगा वहीं अर्थव्यवस्थाओं में महंगे तेल से अगर सुस्ती आती है तो कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट आएगी। इसलिये ओपेक देश तेल उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

भारत को मिलेगी राहत
संयुक्त अरब अमीरात के कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ाने के फैसले से भारत को ज्यादा फायदा होगा। भारत अपनी खपत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। पिछले दिनों कच्चे तेल के दाम 139 डॉलर प्रति तक जा पहुंचे थे, जिससे देश में पेट्रोल डीजल के दामों में बड़ी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल डीजल के खुदरा दाम नहीं बढ़ाने के फैसले के चलते सरकारी तेल कंपनियों को नुकसान हो रहा है।

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