
मोरक्को: अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से तबाही मची हुई है। ऐसे में राहत और बचाव कार्य ने भी जोर पकड़ लिया है। स्पेन, कतर, ब्रिटेन, इजरायल और यूएई की सहभागिता वाले अभियान में दूरदराज के इलाकों में बचाव दल पहुंचने लगे हैं। वहीं शुक्रवार रात आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,862 हो गई है, जबकि 2,562 लोग घायल हैं।
एटलस पर्वत की घाटी में बसे गांवों को सबसे ज्यादा नुकसान
भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान हाई एटलस पर्वत की घाटियों में बसे गांवों को हुआ है। पहाड़ का मलबा नीचे आने से कई गांव खंडहर में तब्दील हो गए हैं। इनमें अभी भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हो सकते हैं। सड़क मार्ग बाधित होने से बचाव दल हेलीकाप्टरों से इन गांवों में पहुंच रहे हैं। इसलिए बचाव दल पहुंचने की गति धीमी है।
‘ऊंट के मुंह में जीरा’ बनी हुई है राहत सामग्री
राहत दल सुविधाओं से जुड़ी कई तरह की सामग्री लेकर पीड़ितों के बीच पहुंच रहे हैं, लेकिन पीड़ितों की बड़ी संख्या को देखते हुए राहत सामग्री अभी ऊंट के मुंह में जीरा बनी हुई है। पीड़ितों के बीच खाना, पानी, टेंट और कंबल की भारी कमी है।
विश्व धरोहर सूची में शामिल मारकेच शहर को पहुंचा भारी नुकसान
शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान प्राचीन मारकेच शहर में हुआ है। प्राचीन शहर का बड़ा हिस्सा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है, उसे भूकंप से भारी नुकसान हुआ है। संजोकर रखी गईं तमाम प्राचीन इमारतें जमीन हिलने से धराशाई हो गई हैं। किंग मुहम्मद (छठे) ने प्रधानमंत्री को बुलाकर पीडि़तों की सुविधाओं के संबंध में बात की है।
किंग ने मदद भेजने वाले देशों का जताया आभार
पीड़ितों की मदद के लिए सेना सड़कों पर उतार दी गई है। किंग ने स्पेन, कतर, ब्रिटेन और यूएई को शीघ्र मदद भेजने के लिए आभार जताया है। फ्रांस और अमेरिका ने भी मोरक्को के समक्ष सहायता का प्रस्ताव रखा है, लेकिन उसने अभी मदद नहीं मांगी है।