मैं छाती ठोंक कर कहता हूं मेरे पास पैसों की नहीं कमी, दिग्गी के आरोप पर शिवराज का पलटवार

भोपाल। सूबे में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक ट्वीट कर आरोप लगाया है कि वित्त विभाग द्वारा 137 योजनाओं पर प्रतिबंध लगाकर भाजपा के चुनावी एजेंडे में राशि को खर्च कर दिया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने अधिकारियों को इस मामले में अधिकारियों को धमकी भरे लहजे में चेताया भी है। दिग्गी के आरोप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी करारा पलटवार किया है।
गंजबासौदा में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिग्गी के बयान पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस वाले घबरा भी रहे हैं। आज दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया है। प्रदेश के वित्त विभाग के अधिकारियों को धमकी दी बोले पैसा कहां से आ रहा है। मेरी बहनों, जब कमलनाथ सवा साल मुख्यमंत्री थे तो रोते ही रहते थे, मैं क्या करूं मेरे पास पैसे ही नहीं हैं। तो सुन ले कांग्रेस वालों तुम रोते थे, तुम कहते थे हमारे पास पैसे ही नहीं है। मामा कहता है छाती ठोक कर मेरे पास पैसों की कमी नहीं है। ये काम तो बहुत आसान है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर रोते रहो हम क्या करें पैसा ही नहीं है, तो मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतर जाओ क्यों बैठो हो। कहा कि- जनता को सुविधा नहीं देते, इसलिए तो कुर्सी से उतर गए।
विकास कार्यों को अंजाम देने नहीं होती धन की कमी
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आम जनता को योजनाओं का लाभ पहुंचाने और विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए धनराशि की कमी नहीं होती। राज्य सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए कार्य कर सकती है। इसके लिए सरकार में बैठे लोगों के हृदय में जनता के लिए कार्य करने की तड़प होना चाहिए। कुछ करने की ललक हों तो वित्तीय बाधाएं भी आड़े नहीं आती हैं। जो लोग कहते हैं कि सरकार में कार्यों के लिए राशि नहीं हैं, दरअसल वे जनकल्याण करना ही नहीं चाहते।
दिग्गी ने ट्वीट कर लगाया था यह आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने वित्त विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 137 योजनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में भी बजट को अघोषित तौर पर रोककर भाजपा के चुनावी एजेंडे में सरकार का पैसा डायवर्ट किया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के आर्थिक हालात को देखते हुए सचेत रहने की आवश्यकता है। सिंह ने कहा कि मुझे सूचना मिली है कि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निचले अधिकारियों पर मनमाफिक नोटशीट लिखने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कई विभागों की कई निधियां जो वित्त विभाग के पास संधारित है, उसमें से अघोषित तौर पर वित्त विभाग द्वारा सरकार के चुनावी एजेंडे हेतु पैसा खर्च कर दिया गया है। जिसके कारण प्रदेश का वास्तविक ऋण वित्त विभाग द्वारा दिखाए गए आंकड़े से कहीं ज्यादा है।