मानक की सोनिया को चिट्ठी, पीसीसी चीफ को निष्कासन का नहीं अधिकार, करें उचित कार्रवाई

भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने पार्टी से 6 साल के निष्कासित किए जाने के बाद पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिखा है, जिसमें मानक ने कहा है कि मुझे गांधीवादी विचारधारा के पक्ष में आवाज उठाने की सजा मिली है। उन्होंने कहा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य के खिलाफ पीसीसी चीफ को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। वे (सोनिया गांधी) इस मामले को देखें और उचित कार्रवाई करें।
मानक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव के दौरान तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी को ‘आइटम’ कहा था। इस पर राहुल गांधी को माफी मांगना पड़ी थी। मैंने भी गोडसे समर्थक को पार्टी में शामिल करने के मामले में यही बात की थी। उन्होंने लिखा – मैंने गोडसे के समर्थक नेता बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस से हटाने की मांग की थी। मेरे खिलाफ षडयंत्र किया गया और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति में झूठी शिकायत कराई गई।
बता दें कि हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस में शामिल करने पर मानक ने सोशल मीडिया पर लिखा था- कमलनाथ जी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोडसे की विचारधारा के साथ हैं या गांधी जी की विचारधारा के साथ। जिस तरीके से उन्होंने अंबानी और अडानी की तारीफ पिछले दिनों की है, उससे यह स्पष्ट होता है कि वह हमेशा पार्टी की विचारधारा के विपरीत चले हैं। इस घटनाक्रम के 18 दिन बाद कांग्रेस अनुशासन समिति ने सोमवार 15 मार्च को बैठक कर मानक अग्रवाल को पार्टी से बाहर करने का निर्णय 15 मार्च को लिया गया था।
गृह मंत्री ने ली थी चुटकी
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में सख्ती से गोडसे घुट्टी पिलाई जा रही है। मानक को अमानक बना दिया, लेकिन समरथ अरुण यादव पर कार्यवाही की हिम्मत नहीं हुई। कांग्रेस में गोडसे बड़े होते जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मानक से पहले अरुण यादव ने चौरसिया को कांग्रेस में शामिल करने का विरोध किया था।