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महुआ का सुरूर और गुरूर मोइत्रा का

महुआ की शराब को उसके नशे की बजाय सुरूर के लिए अधिक पहचाना जाता है। देश की राजनीति में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के लिए कहा जा सकता है कि उन्हें अपने गुरूर का लिए अधिक पहचाना जाता है। करीब 48  साल की महुआ मोइत्रा फिर विवाद में हैं। बंगाली ब्राह्मण परिवार से आने वाली महुआ मोइत्रा ने हिंदुओं की आराध्य देवी माँ काली के लिए कहा है कि वह मांस खाती हैं और शराब भी पीती हैं।
महुआ मोइत्रा ने यह बात फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई का बचाव करते हुए कही। लीना की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ विवादों में है। क्योंकि इसके पोस्टर में माँ काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है और उनके हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का प्रतीक फ्लैग भी है।
महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जिस तरह हर व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का अधिकार है, उसी तरह उन्हें देवी काली के मांस भक्षण करने एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है।
महुआ मोइत्रा के इस बयान से उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने भी किनारा कर लिया है। पार्टी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘महुआ मोइत्रा द्वारा की गई टिप्पणियां और देवी काली पर व्यक्त उनके विचार उनके व्यक्तिगत हैं। यह पार्टी द्वारा किसी भी तरीके या रूप में समर्थित नहीं हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है।’
(नुसरत जहां को माँ दुर्गा के रूप में दिखने पर उनके ही समुदाय से मिली थी जान से मारने की धमकी)
पश्चिम बंगाल फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री नुसरत जहां भी तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं। नुसरत ने  लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर को गलत बताते हुए कहा था कि किसी की भी धार्मिक भावनाओं को भड़काना ठीक नहीं है। नुसरत दो मौकों पर दुर्गा पूजन करने और एक चित्र में देवी का रूप धरने के चलते कट्टरपंथी मुस्लिमों के निशाने पर आ चुकी हैं।
अलबत्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने महुआ मोइत्रा का समर्थन किया है। थरूर ने ट्वीट किया, ‘दुर्भावनापूर्ण ढंग से गढ़े गए विवाद से मैं अनजान नहीं हूं, लेकिन महुआ मोइत्रा के वह बात कहने के कारण उन पर हुए हमले से हैरान हूं जो हर हिंदू जानता है। श्रद्धालु भोग के रूप में जो चढ़ाते हैं वह देवी से ज्यादा उनके (श्रद्धालुओं के) बारे में बताता है।’
भाजपा इस मामले में आक्रामक हो गयी है। उसने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से महुआ के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल  में महुआ मोइत्रा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस भी दर्ज करवाया गया है।
(ममता बनर्जी के साथ महुआ मोइत्रा)
महुआ मोइत्रा इससे पहले भी अपने एक बयान के चलते तृणमूल कांग्रेस में ही अलग-थलग पड़ गयी थीं। एक कार्यक्रम में उन्होंने मीडिया को ‘दो कौड़ी’ का कहकर कोलकाता प्रेस क्लब सहित पूरे पश्चिम बंगाल के मीडिया की नाराजगी मोल ले ली थी। तब भी तृणमूल कांग्रेस ने बयान दिया था कि यह महुआ के अपने विचार हैं और पार्टी प्रेस का पूरा सम्मान करती है। बाद में महुआ को भी सार्वजनिक रूप से अपने इस व्यवहार के लिए खेद जताना पड़ा था. समाचार सेवा ज़ी इंडिया ने भी महुआ मोइत्रा के खिलाफ अपने चैनल के अपमान का मुकदमा किया था. इस मामले में महुआ मोइत्रा को जमानत मिल गयी थी।
महुआ मोइत्रा ने एक मौके पर देश के सर्वोच्च न्यायालय तथा तत्कालीन चीफ जस्टिस के लिए भी तीखी विपरीत टिप्पणियां कर दी थीं. इसका इतना विरोध हुआ कि संसद की कार्यवाही से उनकी टिप्पणी को विलोपित करना पड़ गया था।
राजनीति में आने से पहले महुआ मोइत्रा एक निजी कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर रह चुकी हैं उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की थी । कांग्रेस की युवा इकाई से जुड़ने के समय महुआ मोइत्रा को राहुल गांधी के अत्यंत विश्वसनीय लोगों में गिना जाता था। उस समय महुआ ने गांधी  के कार्यक्रम ‘आम आदमी का सिपाही’ में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
वर्ष 2010 में महुआ मोइत्रा ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह पहले करीमपुर विधानसभा सीट से विधायक बनी। वर्ष 2019 के आम चुनाव में महुआ मोइत्रा कृष्णा नगर सीट से जीतकर लोकसभा में पहुंचीं।
अपने बयान पर चल रहे विवाद के बीच महुआ मोइत्रा ने कहा है कि वह माँ काली की भक्त हैं और भाजपा के गुंडों से नहीं डरेंगी। जाहिर है कि महुआ की शराब के सुरूर की ही तरह महुआ मोइत्रा का गुरूर भी जल्दी उतरता नहीं दिख रहा है। लगता है कि मामला लंबा खिंचेगा।
(ग्राफ़िक- प्रफुल्ल तिवारी)

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