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महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं: कांग्रेस नेता ने राउत को दिखाया आईना, बताया पवार का प्रवक्ता

  • संजय राउत ने किया सायराना पलटवार, लिखा- बुरा न मानो होली है

  • कांग्रेस को खटकने लगी है शिवसेना-एनसीपी की नजदीकी

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापठक के बीच अब महाविकास आघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार में शामिल कांग्रेस को अब शिवसेना और एनसीपी की नजदीकी खटकने लगी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के चेयरमैन पद के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की लॉबिंग कर रहे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को आईना दिखाते हुए उन्हें पवार का प्रवक्ता बता दिया है। वहीं इसके बाद पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री विधायक प्रणिती शिंदे ने भी राउत पर निशाना साधा है। इससे चर्चा शुरू हो गई है कि राउत के पवार ‘प्रेम’ से महाविकास आघाड़ी सरकार के साथ ‘खेल’ हो सकता है।

संजय राउत ने किया शायराना ट्वीट
अब भला इतने हमले के बाद राउत ने भी एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘बुरा न मानो होली है’ आसमान में उड़ने की मनाही नहीं है… बस शर्त इतनी है कि जमीन को नजर अंदाज न करें। हालांकि इस ट्वीट से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि राउत ने किसपर हमला बोला है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे कांग्रेस के ऊपर पलटवार माना जा रहा है।




बता दें कि कुछ दिन पहले मुखपत्र में संपादकीय लिखने के बाद संजय राउत पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने के लिए खुलकर बोल भी चुके हैं। उनका कहना है कि यूपीए लकवाग्रस्त हो गया है, इसलिए शरद पवार को गठबंधन का प्रमुख बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस की नाराजगी की परवाह किए बिना राउत ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग यूपीए-2 की तैयारी कर रहे हैं।

इसलिए अगर विपक्ष को भाजपा से लड़ना है तो शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन नियुक्त करना चाहिए। राउत यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि यूपीए के बारे में बोलने के लिए यूपीए में होना जरूरी नहीं है। यूपीए राष्ट्रीय विषय है। इसलिए राज्यस्तरीय नेता इस बारे में ज्यादा ज्ञान न दें।

भड़के पटोले, बोले- पवार की वकालत बंद करें राउत
संजय राउत की बयानबाजी के बाद नाना पटोले ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना को यह नहीं भूलना चाहिए कि महाविकास आघाड़ी सरकार कांग्रेस के समर्थन से ही बनी है। वे शरद पवार की वकालत न करें।

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