भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार को नागपुर में आयोजित एग्रोविजन राष्ट्रीय कृषि मेले के शुभारंभ समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र मे आकर ऐसा लगा जैसे मैं अपने घर आ गया हूं। माता अहिल्या और महादजी सिंधियां की पृष्ठ भूमि महाराष्ट्र राज्य से जुड़ी हुई है। माता अहिल्या को मैं प्रणाम करता हूं, जिन्होंने उस समय खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था के रूप में कुओं का निर्माण करवाया।
सीएम ने कहा है कि कृषि आधारित उद्योगों को घर-घर पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मिलकर काम करेंगे। एक और एक दो नहीं, एक और एक ग्यारह बनकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मात्र मेला नहीं बल्कि यह भविष्य के सुशासन की समृद्धशाली भारत और प्रदेश के बनने की इसने नींव डाली है। वहीं गडकरी की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि वह सामाजिक व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने वाले सिद्धहस्त डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कृषि आधारित कामों के आधार पर प्रदेश की पहचान होती है।
उत्पादन उत्पादकता तक नहीं सीमित
सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि मैं तारीफ करता हूं कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार घर-घर में कृषि आधारित मत्स्य पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन जैसे घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन, उत्पादकता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उत्पादों के लिए पर्याप्त बाजार उपलब्ध कराने पर भी फोकस किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मंत्री एवं अधिकारियों का एक दल मेले के अवलोकन एवं अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।
गौ-पालन से बढ़ेगी आमदनी
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गौ-पालकों की आय बढ़ाने अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। उन्होंने कहा कि हम श्रीकृष्ण को मानने वाले हैं, जिनके घर गायें है वे गोपाल हैं और जिनके घर में गाय का कुल है वह घर गोकुल है। मराठी में बछड़े-बछिया को गौरा और गौरी कहते हैं। हमने गौ-पालकों को गाय के स्थान पर गौरी देने की योजना बनाई है। गौ-पालक 5 गौरी ले जाएं और अपने घर पर उनको बड़ा करें, गौ-पालक 2 गाय अपने घर में ही रख लें और 3 गायें हम खरीदेंगे। गौ-पालक दूध का विक्रय करेंगे उससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
कांजी हाउस की कैद से मिलेगी मुक्ति
डॉ. यादव ने कहा कि हम निराश्रित और ऐसी गायों को जिनकी दूध देने की क्षमता न्यून या शून्य हो गई है और गौ-पालकों ने उन्हें निराश्रित छोड़ दिया है, को आश्रय देने की दृष्टि से नगरीय क्षेत्रों में गौ-शालाओं का निर्माण करने जा रहे हैं। इस अनुक्रम में भोपाल में 10 हजार गायों की क्षमता वाली गौ-शाला का भूमि-पूजन होने जा रहा है। इससे सड़कों पर निराश्रित गौ-वंशों से होने वाली दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश में कांजी हाउस, खेड़ा जैसे कैद खानों को भी बंद करने का निर्णय लिया है। मूक पशुओं को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।