मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के नजीतों से पहले सरकार बनाने का सपना देख महाविकास आघाड़ी को शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा है। यहीं नहीं 288 विधानसभा सीटों में से एमवीए को सिर्फ 46 सीेटें ही नसीब हुई है। शिवसेना (यूबीटी) ने 20, कांग्रेस 16 और एनसीपी (शरद पवार) सीटों पर जीत दर्ज की है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब एमवीए में कलह भी शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ दिया है। शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस के कारण चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
शिवसेना नेता दानवे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अति आत्मविश्वास में आ गई थी। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में स्थिति कांग्रेस के लिए अनुकूल थी। झारखंड में जेएमएम ने अपनी ताकत के दम पर बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में सफलता के बाद अपने सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) को महत्व देना बंद कर दिया था।
सहयोगियों को महत्व नहीं दे रही कांग्रेस
दानवे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने सहयोगियों को महत्व नहीं दे रही है और सीट बंटवारे पर आखिरी दिन तक चर्चा हुई। इससे गठबंधन को नुकसान हुआ। इसकी वजह से कई सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बचा पाई। शिवसेना नेता ने दावा किया, ‘कुछ कांग्रेस नेताओं ने चुनाव जीतने से पहले ही विभागों पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया था, जबकि दस नेता मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक थे।’ उन्होंने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे एमवीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होते तो 2-5% वोट उसके पक्ष में आते। 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण जनता की राय ठाकरे के पक्ष में थी।
हरियाणा में शुरुआती बढ़त गंवा दी कांग्रेस ने
शिवसेना नेता ने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में अपनी शुरूआती बढ़त गंवा दी और सत्ता विरोधी लहर से जूझने के बावजूद भाजपा को लगातार तीसरी बार जीत दिलाई। जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस जम्मू क्षेत्र में पैठ बनाने में विफल रही, जिससे वहां भाजपा को जीत मिली। हालांकि, उसके इंडिया ब्लॉक के सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उसके समर्थन से सरकार बनाई। झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सरकार बनाई, झामुमो को 81 में से 34 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं।
जहां शिवसेना लड़ी, वहां वोट शेयर बढ़ा
दानवे ने इस बात पर जोर दिया कि जिन सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव लड़ा, वहां वोट शेयर बढ़ा और पार्टी के उम्मीदवारों ने उद्धव ठाकरे से कहा कि पार्टी अपने दम पर महाराष्ट्र में सत्ता में आने के लिए अधिक सीटों के लिए संघर्ष करेगी। वहीं मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए दानवे ने दावा किया कि हमने कभी नहीं कहा कि शिवसेना (यूबीटी) एमवीए छोड़ रही है। शिवसेना (यूबीटी) को सभी 288 विधानसभा सीटों पर अपनी ताकत बढ़ानी चाहिए।’