नई दिल्ली। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल अक्टूबर के पहले पखवाड़े में बज सकता है। ऐसी संभावना इसलिए व्यक्त की जा रही है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अपने दल के साथ कल गुरुवार की देर शाम मुंबई के दौरे पर पहुंचे। जहां वह शुक्रवार और शनिवार को राज्य में चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू के साथ लगभग 12 अधिकारियों का दल मुंबई पहुंचा है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा। पिछली बार अक्टूबर में ही विधानसभा के चुनाव हुए थे।
सभी पक्षों से मुलाकात के बाद फैसला करेगा आयोग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र दौरे पर पहुंची चुनाव आयोग की टीम दो दिनों में राजनीतिक दलों, प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के नोडल अधिकारियों, विशेष पुलिस नोडल अधिकारियों, मुख्य चुनाव अधिकारियों, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रशासनिक सचिवों और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों से मुलाकात करेगी और चुनाव तैयारियों के बारे में जानकारी लेगी। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं ईसी चुनाव से जुड़ी सारी जानकारी लेने के बाद अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में कभी भी पीसी कर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा महाराष्ट्र है। 2019 में हुए पिछले आम चुनावों के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना में बड़ी टूट हुई थी। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को सत्ता बेदखल कर भाजपा के साथ सरकार बनाई थी और सीएम भी बने थे। ऐसे में अब महाराष्ट्र के राजनीतिक चौसर पर तमाम जनप्रतिनिधियों की अग्निपरीक्षा होगी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।
विपक्ष कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं।