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महाराष्ट्र चुनाव: यूपी सीएम का नारा नहीं भाया भाजपा नेत्री को भी, कहा- राज्य में ऐसे नारों की नहीं कोई जरूरत

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे का शोर है। हालांकि इस नारे का जितना शोर सुनाई दे रहा है। उतना ही विरोध भी हो रहा है। खास बात यह है कि इस नारे का विरोध महायुति और भाजपा के नेता ही कर रहे हैं। कुछ दिन पहले योगी के इस नारे विरोध एनसीपी नेता अजित पवार ने किया था। वहीं इस नारे के विरोध में अब भाजपा की विधान परिषद सदस्य पंकज मुंडे आ गई है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में ऐसे नारों की कोई जरूरत नहीं है।

पंकजा मुंडे ने एक बातचीत के दौरान कहा कि सच कहूं तो मेरी राजनीति अलग है। मैं सिर्फ इसलिए इसका समर्थन नहीं करूंगा क्योंकि मैं उसी पार्टी से हूं। मेरा मानना है कि हमें सिर्फ विकास पर काम करना चाहिए। एक नेता का काम इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना बनाना है। इसलिए हमें महाराष्ट्र में इस तरह का कोई मुद्दा लाने की जरूरत नहीं है।इस दौरान उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि हम इसका केवल इसलिए समर्थन नहीं कर सकते, क्योंकि हम भी उसी पार्टी से हैं। पंकजा ने कहा कि हमें महाराष्ट्र में इस तरह के विषय नहीं लाने चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ ने ये यूपी के संदर्भ में कहा था जहां अलग तरह की राजनीतिक परिस्थितियां हैं। उनकी बात का वही अर्थ नहीं हो जो समझा जा रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी खुद भी एक हैं तो सेफ हैं नारे का कर रहे इस्तेमाल
पंकजा मुंडे ने कहा कि पीएम मोदी ने बिना जाति-धर्म देखे सभी को राशन, आवास और सिलेंडर दिए हैं। पंकजा मुंडे ने सीएम योगी के नारे से किनारा किया तो साथ ही पीएम मोदी की योजनाओं का जिक्र कर बीजेपी की लाइन पर ही खड़े नजर आने की कोशिश भी की। यहां पर यह भी बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद भी एक हैं तो सेफ हैं नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसको लेकर उनके विरोधी कर रहे हैं कि यह योगी के नारे का दूसरा रूप है।

यह बोले थे अजीत पवार
बता दें कि पकंजा मुंडे से पहले महायुति के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के प्रमुख अजित पवार ने भी सीएम योगी के इस नारे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अजित पवार ने ‘बटेंगें तो कटेंगे’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की बातें यहां नहीं चलेंगी। ये यूपी में चलता होगा, महाराष्ट्र में इस तरह की बातें बिल्कुल नहीं चलेंगी। महाराष्ट्र साधु-संतों का, शिवप्रेमियों का, शिवाजी और अंबेडकर का है। उनकी सिखाई बातें हमारे खून में हैं और हम उसी रास्ते पर चलेंगे। मुसलमानों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचने देंगे

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