मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीते सप्ताह से चल रहा सस्पेंस धीरे धीरे खत्म होने लगा है। एक ओर जहां एनसीपी नेता अजीत पवार ने सरकार गठन की तस्वीर साफ कर दी है, उन्होंने कहा है कि राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। वहीं शिवसेना और एनसीपी को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख का एलान हो गया। यह जानकारी महाराष्ट्र भाजपा प्रदेध अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है।
बावनकुले ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर को शाम पांच बजे आजाद मैदान मुंबई में होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। यहां पर खास बात यह है कि अभी तक इस बात का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन भाजपा सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है।
महायुति ने दर्ज की है प्रचंड जीत
यहां पर बता दें कि महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं, जिसने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की। महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की है। 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। वहीं इसके उलट महा विकास अघाड़ी को 288 सीटों में से मात्र 46 सीटें ही जीत सकी।
यह बोले अजीत पवार
वहीं अजीत पवार ने कहा कि बैठक (महायुति नेताओं की दिल्ली मीटिंग) के दौरान यह फैसला लिया गया है कि महायुति भाजपा के सीएम के साथ सरकार बनाएगी और शेष दो दलों यानी एनसीपी और शिवसेना के डिप्टी सीएम होंगे। ये पहली बार नहीं है जब फैसले में देरी हुई है। अगर आपको याद हो, 1999 में सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था। यह पूछे जाने पर कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, अजित पवार ने कहा कि राज्य में भाजपा से एक मुख्यमंत्री और महायुति के अन्य दो दलों से दो उप मुख्यमंत्री होंगे। शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा। हमने एक मजबूत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।
ऐसे हो सकता है मंत्री पद का बंटवारा
सूत्रों के अनुसार, सरकार में विभागों के बंटवारे में प्रत्येक सहयोगी दल की हिस्सेदारी तय करने के लिए छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉमूर्ले पर विचार किया जाएगा। इसके अनुसार, भाजपा के पास करीब 21 से 22 मंत्री पद, शिवसेना शिंदे गुट को 10 से 12 मंत्रालय और अजित पवार एनसीपी गुट को करीब 8 से 9 मंत्रालय मिलेंगे। महाराष्ट्र में मंत्री पद का कुल कोटा मुख्यमंत्री पद सहित 43 से अधिक नहीं होना चाहिए।