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महायुति में विभागों को लेकर भी रस्साकशी, शिंदे अपने पास रखना चाहते हैं विधान परिषद का अध्यक्ष पद भी

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नई दिल्ली/मुंबई । महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के 72 घंटे के अंदर ही सरकार का गठन हो जाना था, लेकिन एक सप्ताह बाद भी यह संभव नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो महायुति के अंदर नए सीएम और विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान मची हुई है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे, जिसमें महायुति को प्रचंड जीत मिली है। 288 विधानसभा सीटों में से जहां महायुति ने 230 सीटों पर कब्जा किया है, तो वहीं महाविकास आघाड़ी सिर्फ 46 सीटों पर सिमट गई है। खास बात यह है कि बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी महायुति ने अब तक न तो सीएम के नाम ऐलान कर सकी है और सरकार का गठन हो सका है। हालांकि सीएम भाजपा का ही होगा और देवेन्द्र फडणवीस का नाम लगभग फाइनल भी हो चुका है। लेकिन विभागों को लेकर सहमति न बन पाने से सरकार का गठन नहीं हो पा रहा है।

सूत्रों की मानें तो सीएम पद छोड़ने के बदले भाजपा ने शिवसेना (शिंदे) के समक्ष डिप्टी सीएम का पद और लोकनिर्माण समेत अधिकतम 12 विभाग देने का प्रस्ताव दिया है। शिंदे गृह मंत्रालय भी चाहते हैं। चर्चा यह भी है कि शिंदे विधान परिषद अध्यक्ष का पद भी चाहते हैं। इसके उलट भाजपा टॉप पांच में से चार मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महायुति के नेताओं को विभाग बंटवारे का फैसला करके आने के लिए कहा गया है। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बृहस्पतिवार देररात तीन घंटे चली बैठक में भी विभाग बंटवारे के फार्मूले पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद महायुति के नेताओं को मुंबई में विभागों के बंटवारे पर सहमति बना कर दिल्ली आने के लिए कहा गया है। बैठक में देवेन्द्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार मौजूद थे।

वित्त मंत्रालय चाह रहे अजीत पवार को उठाना होगा घाटा
भाजपा के प्रस्ताव पर सहमति बनी तो एनसीपी (अजीत) को घाटा उठाना होगा। पार्टी एनसीपी को डिप्टी सीएम पद तो देना चाहती है, मगर वित्त मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। वहीं, एनसीपी गृह, वित्त, राजस्व, कार्मिक और लोक निर्माण में हिस्सेदारी चाहती है। हालांकि भाजपा उसे इनमें से एक भी मंत्रालय नहीं देना चाहती। इसके अलावा एनसीपी को अधिकतम आठ विभाग ही देना चाहती है। वहीं शिवसेना नेता संजय शिरसत ने कहा कि अगर निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो यह पद उनकी पार्टी के किसी नेता को दिया जाएगा। शिरसत ने यह भी कहा कि शिंदे निश्चित रूप से केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में नहीं जाएंगे।

कल हो सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का पेंच सुलझने के बजाय लगातार उलझता जा रहा है। शुक्रवार की बैठक टलने के बाद अब रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है। उसके बाद महायुति की बैठक बुलाई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायकों की बैठक में दो केंद्रीय पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री पद को लेकर विधायकों की राय लेंगे। इसी दौरान विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। यह भी चर्चा है कि दिल्ली में शाह व नड्डा के साथ बैठक में एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री का आॅफर दिया गया है। अगर, शिंदे यह प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो महाराष्ट्र में शिवसेना का दूसरा कोई नेता उपमुख्यमंत्री बन सकता है। दिल्ली बैठक के बाद महाराष्ट्र के तीनों नेता देर रात मुंबई वापस आ गए, जबकि शिंदे के शनिवार को गांव से वापस मुंबई आने की संभावना है।

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