गोयल ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में 20 से 30 लाख टन के बीच गेहूं का निर्यात किया गया है और अप्रैल से जून की तिमाही के लिए 30-35 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए करार किया गया है।
नयी दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों से महंगाई आसमान पर पहुंच गई है। इसकी कीमत सबसे ज्यादा आम आदमी को चुकानी पड़ रही है। लेकिन देश में बढ़ती महंगाई को केन्द्र सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल के अत्यधिक दाम समेत वैश्विक परिस्थितियों और महामारी को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि सरकार महंगाई को काबू करने के लिए कदम उठाते हुए दालों जैसी अनेक आवश्यक सामग्रियों के आयात पर शुल्क एक तरह से हटा दिया गया है। यह बात केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कही।
भाजपा के 42वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी द्वारा आयोजित ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ के तहत मीडिया से बात करते हुए गोयल ने देश की 80 करोड़ से अधिक गरीब जनता को मुफ्त राशन देने वाली ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के लाभ गिनाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के प्रति अपनी संवेदनशीलता तथा समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण की प्रतिबद्धता रेखांकित की है और दो साल से अधिक समय से सुनिश्चित किया है कि महामारी के दौरान किसी घर में भोजन की कमी नहीं रहे।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और जन वितरण मंत्री गोयल ने देश में अनाज की पर्याप्त उपलब्धता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की अनुमति मिलने पर अपने भंडार से दुनिया के देशों को आपूर्ति की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि भारत को अनेक देशों से ‘ऐतिहासिक’ और ‘कल्पना से परे’ मांग मिल रही है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के निर्यात के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है।
गोयल ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में 20 से 30 लाख टन के बीच गेहूं का निर्यात किया गया है और अप्रैल से जून की तिमाही के लिए 30-35 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए करार किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में गेहूं निर्यात दो लाख टन से बढ़कर 20 लाख टन और फिर 70 लाख टन तक पहुंच गया है और यह मौजूदा वित्त वर्ष में 100 लाख टन से अधिक हो सकता है। महंगाई, विशेष रूप से खाद्य सामग्रियों के अत्यधिक दामों के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक कारणों से हर जगह मुद्रास्फीति बढ़ रही है।