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पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से इमरान के खिलाफ फूटा गुस्सा: जनता के साथ विपक्ष भी उतर आया सड़क पर

इस्लामाबाद। आतंकवाद का पनाहगाह (hideout of terrorism) बना पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की वित्तीय हालात जर्जर (dilapidated financial situation) होती जा रही है। जिसके कारण लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई (Inflation) से देश के लोगों का बुरा हाल हो गया है और अब इमरान सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा (public anger) फूट गया है जनता के साथ विपक्षी पार्टियां (opposition parties) भी सड़क पर उतर आई हैं। पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) लाहौर, मुजफ्फरगढ़, झांग, कसूर, मियांवाली, बहावलपुर, भाकर, वेहारी, खुशाब, लैय्या और मुरी में प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि लोगों को एक अंडे की कीमत 30 रुपये, एक किलो चीनी 104 रुपये, एक किलो गेहूं 60 रुपये और एक किलो अदरक एक हजार रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं गेहूं की कीमत ने अक्टूबर 2020 में रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब यहां 2400 रुपये प्रति 40 किलोग्राम (60 रुपये किलो) गेहूं बिक रहा है।

देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में पीएमएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने देश की जनता से विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। वहीं शरीफ ने कहा कि इमरान खान सरकार (Imran Khan government) को और समय देने का मतलब है कि पाकिस्तान की जनता को और परेशानी का सामना करना पड़ेगा। शाहबाज ने कहा कि देश और उसके लोगों की आर्थिक स्थिति तब तक नहीं सुधरेगी जब तक हम इस अत्याचारी सरकार से छुटकारा नहीं दिलाते।





शहबाज शरीफ ने ट्विटर (Twiter) पर लिखा कि लोग वास्तव में अस्तित्वहीन सरकार के कारण जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की सरकार में भविष्य तेजी से अंधकारमय दिख रहा है। हमारे इतिहास में पहले कभी किसी पाकिस्तानी नेता ने ऐसे लोगों को छोड़ दिया है जैसे यह है। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण। उन्होंने आगे लिखा कि अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटना हमारी राष्ट्रीय मुद्दा और सार्वजनिक नीति का सबसे प्रमुख विषय होना चाहिए।

प्याज निर्यात करने वाला पाकिस्तान अब आयात करने के लिए मजबूर
पहले पाकिस्तान विश्वभर को प्याज का निर्यात करता था। लेकिन अब उसे अपने प्याज की कीमतों को कम करने के लिए इसका आयात करना पड़ रहा है। जनता के लिए आटे और चीनी के दाम को कम करने के लिए इमरान खान की सरकार और अधिकारी बैठकें कर रहे हैं।

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