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ममता पर हमले की जांच शुरू: भाजपा का सवाल- जेड प्लस सुरक्षा, 18 गाड़ियों का काफिला, फिर भी दीदी पर हमला?

कोलकाता/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले की जांच शुरू हो गई है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। बीजेपी ने ममता बनर्जी की सुरक्षा में तैनात एडीजी स्तर के दो अधिकारियों विवेक सहाय और ज्ञानवंत सिंह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना स्थल पर कोई भी स्थानीय पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। यहां तक कि ममता ने कहा कि जहां वो जा रही हैं, वो लोकल पुलिसकर्मी नहीं रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने कहा कि ममता के समर्थन में भीड़ जुटाने के लिए डीएम और एसपी पुलिस स्टेशन में मीटिंग कर रहे थे।

बीजेपी ने जिन दो आईपीएस अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, उसमें एक विवेक सहाय (डायरेक्टर, सुरक्षा) और दूसरे ज्ञानवंत सिंह (एडिशनल डायरेक्टर, सुरक्षा) हैं। दोनों एडीजी रैंक के अफसर हैं, जबकि पूर्व मिदनापुर के एसपी प्रवीण प्रकाश हैं। इस मामले में चुनाव आयोग ने कल (शुक्रवार) शाम 5 बजे तक रिपोर्ट तलब की है।

बीजेपी का कहना है कि विवेक सहाय सीएम की सुरक्षा के प्रभारी अधिकारी हैं और ज्ञानवंत सिंह टीम का हिस्सा हैं, चुनावों की घोषणा के बाद दोनों अधिकारियों को ममता की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया था, ममता के पास अन्य स्थानीय पुलिस को जाने की अनुमति नहीं है, इससे पहले कि चुनाव आयोग ने डीजीपी वीरेंद्र को हटा दिया था।

टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने कल कहा था कि वीरेंद्र को उनके पद से हटाए जाने के बाद यह घटना हुई थी। वहीं, बीजेपी ने ममता बनर्जी की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी की जेड प्लस सुरक्षा में कुल 18 गाड़ियां रहती हैं, 4 पायलट कार सबसे आगे रहती है। एडवांस सिक्योरिटी कार रहती है, जिसमें डीएसपी स्तर के अधिकारी होते हैं।

फिर एडवांस पायलट कार होती है, इसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी होते हैं, फिर पायलट कार जिसमें भी जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर होते हैं, फिर डायरेक्ट आॅफ सिक्योरिटी की गाड़ी रहती है, फिर वीआईपी कार, फिर एस्कॉर्ट 1 और 2, फिर जैमर, फिर जैमर, फिर स्पेयर वीआईपी कार ताकि मुख्यमंत्री की गाड़ी खराब हो जाए तो इसका इस्तेमाल करें।

बीजेपी का कहना है कि पीछे प्रधान सुरक्षाकर्मी की गाड़ी रहती है, फिर 3 एस्कॉर्ट कार, फिर इंटरसेप्शन की दो गाड़ियां, फिर महिला पुलिस (लेडी कॉन्टिंजेंट), फिर एम्बुलेंस होती है, फिर तीन और सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां, टेल कार, लास्ट में स्पेयर इंटरसेप्शन कार। बीजेपी का कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद कैसे ये घटना हुई।

इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एक पुरानी कहावत है कि अजीब लोग हैं, क्या-क्या बातें छिपाते हैं, कहीं पर चोट लगी है, कहीं बताते हैं, चोट उनको लगी है कि नहीं, पैर फिसला है कि नहीं, फिसला है जमीन पर गिरी हैं कि नहीं गिरी हैं, लेकिन ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में जमीन जरूर खिसक गई है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग इस पूरे मामले में जांच कर रहा है और सच्चाई सामने आएगी, लेकिन एक बात यह सच है कि यह पुराना और सबसे एक्सपायर फामूर्ला है, जिसका इस्तेमाल ममता बनर्जी की तरफ से किया जा रहा है। इन एक्सपायरी दवाओं से काम नहीं चलता है।

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