मप्र में मौसम का कहर: 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी, घंटों अंधेरे में डूबा रहा शहर

भोपाल। शहर में शुक्रवार शाम फिर अचानक बदले मौसम ने कहर ढाया। 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली। इस दौरान बिजली चमकी। बारिश व आंधी के कारण विजिबिलिटी घटकर 800 मीटर रह गई थी। रात 8:30 बजे तक 31 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बिजली चमकने और आंधी चलने से शहर में अंधेरा पसर गया। 15 मिनट तक ज्यादातर इलाकों में बिजली गुल हो गई थी। मौसम में ठंडक घुलने से 3 घंटे में पारा 12 डिग्री लुढ़क गया। शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज वैसा ही रहा, जैसा गुरुवार को था। दिन भर मौसम साफ रहा। बादल जरूर छाए थे लेकिन बारिश का अता-पता नहीं था। दोपहर 3 बजे के बाद धूप भी चटक गई थी। शाम 6:30 बजे तक मौसम शांत था। इसके बाद अचानक आंधी चलने लगी। बारिश होने के साथ जोरों से बिजली चमकने लगी। धीमी बारिश के कारण मौसम में ठंडक घुल गई।
मौसम विभाग के मुताबिक शाम 5:30 बजे पारा 29 डिग्री पर था, जो रात 8:30 बजे 17 डिग्री पर आ गया। दिन का तापमान 31.5 डिग्री दर्ज किया गया था। गुरुवार के मुकाबले इस पर 4 डिग्री की गिरावट हुई। साहा ने बताया कि शुक्रवार को भी गरज चमक वाले बादल यानी सीबी क्लाउड बनने से ऐसा मौसम हुआ।
17 डिग्री पर आ गया था रात 8:30 बजे पारा
शुक्रवार शाम तेज बारिश के दौरान बिजली चमकने और आंधी चलने से नए व पुराने शहर के साथ कोलार एवं बैरागढ़ के कई हिस्सों में बिजली लाइनों के इंसुलेटर बर्स्ट हो गए। नए व पुराने शहर की 350 से ज्यादा कॉलोनियों में बिजली गुल रही। मौके पर पहुंचे बिजली कंपनी के हाइटेंशन डिवीजन और जोन दफ्तर के अमले ने मोर्चा संभाला। कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया कि 1 घंटे के भीतर ज्यादातर इलाकों में बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई थी।
आज कम दबाव से पानी सप्लाई
नर्मदा वाटर सप्लाई के प्लांटों पर बार-बार बिजली गुल होने के कारण शनिवार को जोन- 10, 11, 12, 13, 14, 15 एवं 16 के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों यानी मुख्य रूप से नरेला और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्रों में पानी सप्लाई नहीं होगा। कोलार और अन्य फिल्टर प्लांटों पर भी बिजली गुल होने के कारण शहर के अन्य क्षेत्रों में कम दबाव से जल प्रदाय होने की संभावना है।
बिजली गिरने से युवक की मौत
नजीराबाद में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई। थाना प्रभारी बीपी सिंह के मुताबिक 40 वर्षीय रघुवीर राजपूत ग्राम रुनाहा में रहते थे और मजदूरी करते थे। बुधवार रात इलाके में बिजली कड़क रही थी। उसी बीच वे गाय को चारा डालने के लिए घर के पीछे पहुंचे, तभी आकाशीय बिजली गिर गई।