मप्र की सियासत: BJP के चुनावी एजेंडे में पैसा खर्च कर रहा वित्त विभाग, दिग्गी ने लगाया बड़ा आरोप

भोपाल। मध्यप्रदेश में यह चुनावी साल है। विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे ही आरोप-प्रत्यारोप भी तेज होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में दो दिन पहले मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मप्र सरकार पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा ‘आदिवासी जैविक खेती योजना’ के लिये स्वीकृत 74 करोड़ की राशि में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं अब उन्होंने वित्त विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर गोलमाल करने वाले सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिग्विजय सिंह ने वित्त विभाग पर बड़ा आरोप लगाते कहा है कि भाजपा का एजेंडा पूरा करने के लिए आंकड़ों में बाजीगरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि 137 योजनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण योजनाओं में भी बजट को अघोषित तौर पर रोककर भाजपा के चुनावी एजेंडे में सरकार का पैसा डायवर्ट किया जा रहा है। इस तरह वित्त विभाग के आला अधिकारी कई महत्वपूर्ण खर्चे को वर्तमान के लिए डालकर भविष्य के लिए बड़ी देनदारी खड़ी कर रहे है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के आर्थिक हालात को देखते हुए सचेत रहने की आवश्यकता है। भाजपा के चुनावी एजेंडा को पूरा करने के लिए वित्त विभाग के आला अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी कर प्रदेश की पहले से डगमगाई वित्तीय हालत को और हानि पहुंचा रहे हैं।
मनमाफिक नोटशीट लिखने बनाया जा रहा दबाव
सिंह ने कहा कि मुझे सूचना मिली है कि इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निचले अधिकारियों पर मनमाफिक नोटशीट लिखने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कई विभागों की कई निधियां जो वित्त विभाग के पास संधारित है, उसमें से अघोषित तौर पर वित्त विभाग द्वारा सरकार के चुनावी एजेंडे हेतु पैसा खर्च कर दिया गया है। जिसके कारण प्रदेश का वास्तविक ऋण वित्त विभाग द्वारा दिखाए गए आंकड़े से कहीं ज्यादा है।