अक्टूबर 2020 में मुंबई की बिजली आपूर्ति प्रणाली पर साइबर हमले के बाद एमपीपीटीसीएल ने अपने बिजली आपूर्ति नेटवर्क को हैकिंग से बचाने के लिए सितंबर 2021 में डिस्पैच सेंटर में साइबर सुरक्षा प्रणाली स्थापित की।
जबलपुर। मध्य प्रदेश पावर ट्रासंमिशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) के लोड डिस्पैच सेंटर में संचालित अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को केन्द्र सरकार सुरक्षित करेगी। एमपीपीटीसीएल के राज्य लोड डिस्पैच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता केके प्रभाकर ने रविवार को बताया कि जबलपुर स्थित इस लोड डिस्पैच सेंटर से समूचे मध्य प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को नियंत्रित किया जाता है।
प्रभाकर ने कहा कि अक्टूबर 2020 में मुंबई की बिजली आपूर्ति प्रणाली पर साइबर हमले के बाद एमपीपीटीसीएल ने अपने बिजली आपूर्ति नेटवर्क को हैकिंग से बचाने के लिए सितंबर 2021 में डिस्पैच सेंटर में साइबर सुरक्षा प्रणाली स्थापित की। ऊर्जा क्षेत्र में भारत सरकार के नियमों के तहत अब मध्य प्रदेश लोड डिस्पैच सेंटर की साइबर सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भी दिशा निर्देश दिए जायेंगे।
एक तरह से लोड डिस्पैच सेंटर अब राष्ट्र की धरोहर के रूप में अपना कार्य करेगा। उन्होंने कहा, इस प्रणाली के लागू होने के बाद अब मध्य प्रदेश को किसी साइबर हमले के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। लोड डिस्पैच की चार प्रणालियां इस साइबर सुरक्षा प्रणाली से सुरक्षित रहेंगी। प्रभाकर ने बताया कि केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद राज्य के बिजली तंत्र के लिए सुरक्षा की दोहरी प्रणाली रहेगी।
हनी पॉट डिवाइस’ से इस प्रणाली को साइबर हमले से और सुरक्षित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के कानून के तहत अब लोड डिस्पैच सेंटर की प्रणाली में कोई इंटरनेट के जरिये छेड़छाड़ या हैंिकग जैसा कुछ प्रयास करता है तो इसे राष्ट्र की सुरक्षा पर हमला माना जायेगा और उसके विरूद्ध सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी।