मध्यप्रदेश

शिवराज का बड़ा ऐलान: हबीबगंज रेलवे स्टेशन के बाद अब मिंटो हॉल का बदलेगा नाम, जाना जाएगा इस नाम से

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) का नाम बदलो अभियान जारी है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj railway station) का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) रखा। अब इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने चर्चित ऐतिहासिक भवन मिंटो हॉल (historical building Minto Hall) का नाम बदलने का ऐलान कर दिया है। जाएगा। भोपाल स्थित मिंटो हॉल का नाम अब भाजपा (BJP) के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे (Kushabhau Thackeray) होगा। इससे पहले शिवराज इंदौर के पातालपानी रेलवे स्टेशन (Patalpani Railway Station) का नाम बदलकर टंट्या मामा (Tantya Mama) रखने की घोषणा की थी।

दरअसल मिंटो हॉल को साल 1909 में नवाब सुल्तान जहान बेगम (Nawab Sultan Jahan Begum) ने बनवाया था। बताया जाता है कि जहान बेगम भोपाल की अंतिम बेगम थीं। उन्होंने इस हॉल का नाम लॉर्ड मिंटो (lord minto) को सम्मान देने के लिए रखा था। इससे पहले भाजपा में ही मिंटो हॉल का नाम बदलकर डॉक्टर हरिसिंह गौर (Dr Harisingh Gaur) करने की मांग उठी थी। भारत की आजादी के बाद और मध्य प्रदेश के बनने के बाद इस बिल्डिंग का इस्तेमाल राज्य विधानसभा हॉल के तौर पर होता था।

इस इमारत का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है। 12 नवंबर 1909 को यानी आज से करीब 112 साल पहले इसकी नींव रखी गई थी। भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए थे। उन्हें उस समय राजभवन में रुकवाया गया। उन्हें व्यवस्थाएं पसंद नहीं आई तो भोपाल नवाब ने हॉल बनवाने का फैसला किया। इसकी नींव लॉर्ड मिंटो ने ही रखी थी। 25 साल में इमारत बनकर तैयार हुई। तब इसका नाम मिंटो हॉल रखा गया। इससे पहले भी कई मर्तबा इस इमारत का नाम बदलने की मांग उठी है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘यह हमारी जमीन है, हमारी मिट्टी है, हमारा पत्थर, हमारी बिल्डिंग है यह हमारे मजदूरों की मेहनत है लेकिन इसका नाम मिंटो है। कई विधायक विधानसभा में ठाकरे जी की बदौलत पहुंचे। ठाकरे जी ने MP  में BJP को बढ़ाया है इसलिए इस बिल्डिंग का नाम अब ठाकरे के नाम पर होगा। साल 2018 में इस हॉल को कन्वेशन सेंटर के रूप में बदल दिया गया था। इसमें रेस्टोरेंट और बार भी था।

बता दें कि यह ऐतिहासिक इमारत कभी मध्य प्रदेश की विधानसभा हुआ करती थी। जब इसके नाम बदलने की बात छिड़ी तो कई नाम सामने आए। कोई बोला कि डॉ. हरिसिंह गौर के नाम पर करना चाहिए। कांग्रेस (Congress) ने टंट्या भील का नाम सुझाया था। इससे मुख्यमंत्री ने होशंगाबाद का नाम बदल कर नर्मदा नगर कर दिया था। सीएम ने कहा, ‘लोग सोचते हैं कि भोपाल नवाबों से ताल्लुक रखता है। लेकिन उन्हें सोचना चाहिए कि भोपाल गोंड्स से ताल्लुख रखता है।

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