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बारिश का कहर: मप्र में अशोकनगर, विदिशा राजगढ़, गुना के बिगड़ रहे हालात, राजस्थान में भी बाढ़ का खतरा

नई दिल्ली। मानसूनी बारिश (monsoon rain) का असर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद अब राजस्थान (Rajsthan) में भी दिखाई देने लगा है। मप्र के ग्वालियर-चलंब (gwalior-chalamb) में भारी बारिश के बाद मची तबाही अभी खत्म भी नहीं हुई कि अब राजस्थान के बारां जिले (Baran District) में भारी बारिश के बाढ़ जैसे हालात बन गए। गांवों और शहरी इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, प्रशासन पानी निकालने के काम में मुस्तैदी से जुटा हुआ है।

वहीं मप्र के ग्वालियर चंबल की बात करें तो यहां पर बारिश का कहर भले थम गया हो लेकिन संकट के बादल अभी मंडरा रहे हैं। भारी बारिश (Havy Rain) के अब अशोकनगर, विदिशा राजगढ़, गुना और छतरपुर-टीकमगढ़ में हालात ग्वालियर चंबल जैसे होते जा रहे हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण इन जिलों के सभी डैम ओवर फ्लो हो गए हैं जिसके कारण अब इनके गेट खोलने पड़ रहे हैं। इंदिरा सागर (Indira Sagar), नर्मदा घाट (Narmada Ghat), बरगी डैम (Bargi Dam)और ओंकारेश्वर डैम (Omkareshwar Dam) की स्थिति सामान्य है। होशंगाबाद में नर्मदा घाट में तो जलस्तर कम हुआ है।

कुरवाई तहसील की स्थिति हो रही खराब
विदिशा (Vidisha) में भारी बारिश से संकट बढ़ता जा रहा है। सबसे बुरा हाल कुरवाई तहसील का है। जहां के कई गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। प्रशासन की मदद से गांव में फंसे लोगों का रेक्स्यू आपरेशन (rescue operation) किया जा रहा है। बाढ़ के चलते कई गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बताया जा रहा है कि विदिशा के संजय सागर बांध का जल स्तर बढ़ जाने के कारण 7 गेट खोल दिए गए हैं।





सुजाता बांध के खोले गए तीन गेट
छतरपुर-टीकमगढ़ में धसान नदी पर बने बान सुजारा बांध से जलस्तर बढ़ गया है। इसके 12 में से 3 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं, नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। जल संसाधन विभाग के SDO रामसेवक सेजवार ने बताया, बांध की क्षमता 276.2 मिलियन घनमीटर है।

नर्मदा का घटा जलस्तर
होशंगाबाद के सेठानी घाट (Sethani Ghat) पर नर्मदा नदी (Narmada river) का जलस्तर पिछले 14 घंटे में 2.70 फीट कम हुआ है। सुबह 6 बजे 937.10 फीट था। शुक्रवार रात 8 बजे 939.80 फीट जलस्तर हो गया। यहां नर्मदा नदी खतरे के निशान ( 967 फीट) से 27.2 फीट कम है। बता दें, 964 फीट के लेवल पर खतरे का अलार्म बजा दिया जाता है। बारना, तवा और बरगी डैम के गेट एक साथ खोले जाने पर नर्मदा खतरे के निशान पर पहुंच जाती है।

मध्य प्रदेश में बारिश का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्य प्रदेश के 17 जिलों में बारिश की चेतावनी के लिए आरेंज और येलो अलर्ट (yellow alert) के जारी किया है। IMD ने प्रदेश के पांच जिलों विदिशा, रायसेन, राजगढ़, गुना और अशोकनगर के अलग-अलग स्थानों पर आरेंज अलर्ट (orange alert) के तहत बारिश होने का अनुमान जताया है। इसके अलावा सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, सिवनी, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी और श्योपुर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।





राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के बाद बांधों से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है। झालावाड़ के खानपुर, सरोला और असनावर इलाके पिछले कई दिनों से बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को दो बांधों से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति और खराब हो गई है। राजस्थान में मौसम की मार से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। मौसम विभाग ने शनिवार को सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली और बारां जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है।

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