मध्यप्रदेश

आदिवासियों के हमेशा से विरोधी रहे हैं दिग्गी, इसलिए राज्यपाल पर कर रहे अनर्गल ट्वीट: नरोत्तम का पलटवार

इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कल मंगलवार को ट्वीट (Tweet) कर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राज्यपाल मंगू भाई पटेल (Governor Mangu Bhai Patel) को लेकर सवाल किया था कि क्या राज्यपाल पार्टी के प्रचारक का काम कर सकता है। अगर ऐसा होगा तो क्या विपक्ष राज्यपाल से कोई उम्मीद कर सकता है। जिस पर मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने पलटवार किया है। नरोत्तम ने दिग्गी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आदिवासी समुदाय (tribal community) से ताल्लुक रखने वाले राज्यपाल मंगू भाई पटेल को लेकर अनर्गल ट्वीट कर बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश रहे हैं।

मिश्रा ने सिंह पर पलटवार करते हुए इंदौर में संवाददाताओं से कहा,संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना कांग्रेस का स्वभाव है। सिंह आदिवासियों के सदैव विरोधी रहे हैं और ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं। ऐसा राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार (Congress government) के वन मंत्री उमंग सिंघार (Forest Minister Umang Singhar) ने कहा था। उन्होंने राज्यपाल के बारे में सिंह के ट्वीट (Tweet) को चिंताजनक और निंदनीय बताया।

नरोत्तम ने आगे कहा कि चूंकि हमारे राज्यपाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए सिंह उनके बारे में अनर्गल बातें कर रहे हैं। वह ऐसी बातें कर बुनियादी मुद्दों से विषयांतर करना चाहते हैं। गृह मंत्री के मुताबिक, सिंह के ट्वीट वाली तस्वीर में पटेल के गले में जो दुपट्टा दिखाई दे रहा है, उसे भाजपा के एक कार्यकर्ता ने स्वागत के दौरान उनके गले में उस समय पहनाया था जब वह एक स्थान पर हेलीकॉप्टर से उतरे थे।

इस बीच, मिश्रा ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) और कोविड महामारी (covid pandemic) ने राज्य को तीन साल पीछे धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह राज्य के युवाओं को रोजगार देगी और ऐसा नहीं कर सकी तो उन्हें 4,000 रुपये प्रति माह की दर से बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा।

गृह मंत्री ने कांग्रेस को लिखित में झूठ बोलने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि कमलनाथ की अगुवाई वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ये दोनों चुनावी वादे नहीं निभाए। उन्होंने यह दावा भी किया, कमलनाथ सरकार देश के इतिहास में ऐसी इकलौती सरकार साबित हुई जिसके कार्यकाल में एक भी सरकारी नौकरी नहीं निकली।

बता दें कि मिश्रा ने यह सारी बातें Digvijay Singh के उस ट्वीट पर कही जिसमें उन्होंने भाजपा हटाओ, देश बचाओ के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है? क्या ऐसे राज्यपाल महोदय से विपक्ष कोई उम्मीद कर सकता है? वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह पोस्ट एक व्यक्ति का ट्वीट साझा करते हुए लिखा जिसमें तस्वीर के आधार पर दावा किया गया है कि एक हैलीपेड पर स्वागत कर रहे लोगों से घिरे राज्यपाल ने भाजपा के चुनाव चिह्न कमल के फूल वाला भगवा दुपट्टा पहन रखा है।

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