मतदान के दौरान 13 जजों ने रूस के खिलाफ वोट किया जबकि उसके पक्ष में सिर्फ 2 ही वोट पड़े। जिसके आईसीजे ने यूक्रेन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया।
हेग। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले 22 दिनों से चल रहा है। जिसको रोकने के लिए एक ओर दोनों देश वार्ता कर रहे हैं तो दूसरी ओर मारियुपोल में बम बरस रहे हैं। वहीं रूसी सेना की कार्रवाई को रोकने के लिए यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिसको लेकर अदालत ने मतदान कराया गया। मतदान के दौरान 13 जजों ने रूस के खिलाफ वोट किया जबकि उसके पक्ष में सिर्फ 2 ही वोट पड़े। जिसके आईसीजे ने यूक्रेन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया।
मतदान के दौरान सबसे खास बात यह रही की संयुक्त राष्ट्र अदालत में भारतीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ बहुमत के पक्ष में मतदान किया। दसरअसल संयुक्त राष्ट्र की अदालत में 15 न्यायाधीश होते हैं। आईसीजे के अध्यक्ष जोआन ई डोनोग्यू (यूएसए), न्यायाधीश पीटर टोमका (स्लोवाकिया), न्यायाधीश रोनी अब्राहम (फ्रांस), न्यायाधीश मोहम्मद बेन्नौना (मोरक्को), न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ (सोमालिया), न्यायाधीश जूलिया सेबुटिंडे (युगांडा), न्यायाधीश दलवीर भंडारी (भारत), न्यायाधीश पैट्रिक लिप्टन रॉबिन्सन (जमैका), न्यायाधीश नवाफ सलाम (लेबनान), न्यायाधीश इवासावा यूजी (जापान), न्यायाधीश जॉर्ज नोल्टे (जर्मनी), न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ (आॅस्ट्रेलिया) और न्यायाधीश तदर्थ दौडेट ने बहुमत के पक्ष में वोट डाला।
इन दो देशों ने रूस के पक्ष में किया मतदान
दो न्यायाधीशों जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया, उनमें उपराष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन) शामिल हैं। मालूम हो कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले बाध्यकारी हैं लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां देशों ने उनकी अनदेखी की है, क्योंकि आईसीजे के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई सीधा साधन नहीं है।
कौन हैं दलवीर भंडारी?
जस्टिस दलवीर भंडारी का वर्ल्ड कोर्ट में यह दूसरा कार्यकाल है। 2012 में उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक जारी रहा। उन्हें भारत की ओर से दोबारा नामित किया गया। उन्होंने यूके के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर कउख में एक और कार्यकाल हासिल किया।
आईसीजे ने कहा- रूस की तरफ से कोई दखल न दे
भारत ने कहा है कि रूस और यूक्रेन शांति और वार्ता से इस विवाद को हल करें। बुधवार को अपने फैसले में आईसीजे ने कहा कि वह यूक्रेन में रूस के बल प्रयोग पर बेहद चिंतित है और उसे यूक्रेन की मानव त्रासदी के बारे में पूरी जानकारी है। अदालत ने रूस को अपनी कार्रवाई तुरंत रोकने का आदेश देते हुए कहा कि रूस की तरफ से कोई भी पक्ष इसमें दखल न दे और कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सभी के लिए बाध्यकारी होगा।