शाह की बड़ी घोषणा: बोले- भोपाल में जल्द बनेगी फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, पुलिसकर्मियों से कही यह बड़ी बात
भोपाल। देश के गृहमंत्री अमित शाह आज शुक्रवार को राजधानी दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान शाह ने सेंट्रल अकादमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग के समारोह में शामिल होकर 48वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने राजधानी के लिए बड़ी घोषणा की। यानि भोपाल में जल्द ही नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल में पुलिस का नया चेहरा सामने आया। देशभर में पुलिस की अब वाहवाही होती है।
शाह ने कहा कि संविधान बनने के बाद से अब तक पुलिस के सामने कई चुनौतियां आई हैं। पुलिस को अपराधी से 2 कदम आगे रहना होगा। इसके लिए पुलिस को आधुनिक होना होगा। साथ ही उसके पास पूरी तकनीकी के आधार पर सबूत होने चाहिए क्योंकि अब अंग्रेजों की डंडा मार पुलिस नहीं चलेगी। इसलिए कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को टेक्नो फ्रेंडली बनाया जाएगा।
गृह मंत्री ने बात को जारी रखते हुए कहा कि हमने सभी के सबसे भीषण जानलेवा बीमारी का सामना किया है जिसमें चार लाख से अधिक पुलिसकर्मी संक्रमित हुए और 2700 से ज्यादा की मृत्यु हुई है। ऐसे में पुलिस मैं अपना पूरा काम इमानदारी से किया है। कार्यक्रम के दौरान विमोचित पांच रिसर्च रिपोर्ट पर गृहमंत्री ने कहा कि इसकी समरी बनाकर सभी राज्यों को अपने एसपी स्तर से फील्ड स्तर के जमीन पर काम करने वाले अधिकारियों को देना चाहिए। तभी इस रिसर्च की सार्थकता साबित होगी।
देशभर में एक ही प्रकार की पुलिसिंग टेक्नॉलोजी का विकास किया जाएगा। पुलिस साइंस के दो पहलू है। पहला साइंस फार पुलिस और दूसरा साइंस आफ पुलिस इन दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है। पुलिस का मॉडर्नाइजेशन, टेक्नोलॉजी से अपडेट करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे ही स्मार्ट पुलिस की संकल्पना चरितार्थ हो सकती है। 16 हजार से ज्यादा पुलिस स्टेशन आनलाइन हो चुके है। पुलिस टेक्नोलॉजी में जो सुधार किए गए हैं, उसे लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है।
सीएपीटी मीटिंग में कुछ राज्य मिलकर अपने क्षेत्र की समस्याओं को एक दूसरे से शेयर कर सकते हैं और जो एक प्रकार के अपराधिक मामले हैं उस चुनौतियों के लिए एक अलग से समाधान के लिए प्रक्रिया अपना सकते हैं जिसमें ड्रग्स, साइबर फ्रॉड जैसे अपराध शामिल है। वह एक बिग डाटा भी तैयार कर सकते हैं जिससे समस्याओं का समाधान होने में आसानी होगी और उसको राज्य की पुलिस कहीं से भी कभी भी एक्सेस कर पाएगी। फिलहाल एनएएफआईएएस के पास करोड़ों में फिंगर प्रिंट का डाटा है जिससे अपराधियों को 1:30 मिनट के अंदर पकड़ लिया जाता है।
नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भोपाल में बनेगी
शाह ने कहा कि साइंस फॉर पुलिस के अंतर्गत भी मॉडर्नाइजेशन के काम किए जा रहे हैं। नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। 6 राज्यों में खुल गई है। भोपाल में भी यूनिवर्सिटी खुलने वाली है। एविडेंस बेस्ड पुलिसिंग में सुधार किए जाएंगे। डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के इंस्टीट्यूशन को इफेक्टिव बनाना जरूरी है। बैक टू बेसिक जाना होगा, बीट पेट्रोलिंग पुलिस को लोगों से जोड़ने का काम करती है। नए अधिनियम, नए संशोधन किए गए है, उन्हें भी लागू किया जाएगा। सीआरपीसी, आईपीसी, एविडेंस एक्ट में भी सुधार ला जा रहे है। प्रोसेस और परफेक्शन, पैशन का संचार पुलिस बल में नीचे तक लाया जाएगा ताकि सुधार हो।