PM आज सर्गेई से मिल भारत-रूस की अटूट दोस्ती पर लगाएंगे मुहर, चीनी विदेश मंत्री को नहीं मिला था समय

नई दिल्ली। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। लावरोव चीन में अफगानिस्तान के मामले पर हुई बैठक में शरीक होने के बाद भारत पहुंचे हैं। अब आज वह जहां भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे तो वहीं उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात होने की उम्मीद है। बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से यह रूस के किसी बड़े नेता की पहली भारत यात्रा है।
आज अगर रूसी विदेश मंत्री को पीएम मोदी मिलने का समय देते हैं तो यह भारत-रूस की अटूट दोस्ती पर एक और मुहर होगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले भारत दौर पर आए चीनी विदेशी पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा। लेकिन पीएमओ ने पीएम के यूपी जाने की बात कहकर चीनी विदेश मंत्री को मोदी से मिलने का समय नहीं दिया था। रूसी विदेश मंत्री से बैठक से पहले एस जयशंकर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष लिज ट्रस के साथ दिल्ली में बैठक की थी। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में रूस के युद्ध पर विस्तार से चर्चा की। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी हाल ही में नई दिल्ली का दौरा किया था।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत रूसी विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान विभिन्न सैन्य हार्डवेयर की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाल सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत रूस द्वारा एस-400 मिसाइल सिस्टम के सामान के समय पर डिलीवरी की मांग कर सकता है। रूसी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ अफगानिस्तान में दो बहुराष्ट्रीय बैठकों में भाग लिया।
भारत ने अब तक 24 फरवरी से शुरू हुए यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर एक तटस्थ स्थिति बनाए रखी है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस की आक्रामकता की निंदा करने वाले सभी प्रस्तावों पर मतदान से भी परहेज किया है। लावरोव की भारत यात्रा पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वे रूस और भारत के संबंधों को बदलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, विभिन्न देशों के रूसी संघ के साथ अपने संबंध होने जा रहे हैं। यह इतिहास का एक तथ्य है। यह भूगोल का सच है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम बदलना चाहते हैं।