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राजनाथ सिंह का मित्र देशों को संदेश: भारत में ही बने रक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करेगी हमारी सेना

नई दिल्ली। सुरक्षा चुनौतियों (security challenges) से निपटने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) द्वारा आवश्यक सैन्य मंच (Platform) और उपकरण देश में ही निर्मित किए जाएंगे। यह देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कही है। उन्होंने कहा कि यह बात भारत (India) ने अमेरिका (America), रूस (Russia), फ्रांस (France) और अपने अन्य सहयोगी देशों को बता दिया है। राजनाथ ने क्षेत्रीय भू-राजनीतिक गतिविधियों (Regional Geopolitical Activities) का जिक्र करते हुए कहा कि ईश्वर ने भारत को कुछ ऐसे पड़ोसी दिए हैं, जो इसकी उन्नति को देखकर अच्छा महसूस नहीं करते हैं।

पाकिस्तान (Pakistan) पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा जो विभाजन से पैदा हुआ वह भारत के विकास की चिंता में कमजोर होता जा रहा है। उन्होंने कहा, भारत ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक ‘सैन्य हार्डवेयर (military hardware)’ का उत्पादन देश में करना होगा। हमने हर मित्र देश से कहा है कि हम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत में ही सैन्य मंच, हथियार और गोला-बारूद (arms and ammunition) का उत्पादन करना चाहते हैं।रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य उपकरण बनाने वाले देशों को संदेश दिया गया है कि ”कम मेक इन इंडिया (Come Make in India), कम मेक फॉर इंडिया और कम मेक फॉर द वर्ल्ड।

एक उदाहरण का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली (French Defense Minister Florence Parly) के साथ बातचीत के बाद यह सहमति बनी थी कि एक प्रमुख फ्रांसीसी कंपनी रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत एक भारतीय कंपनी के साथ हाथ मिलाकर भारत में ”एक इंजन” का उत्पादन करेगी। हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तार से नहीं बताया। सिंह ने कहा कि भारत इन देशों के साथ दोस्ती बनाए रखेगा लेकिन साथ ही भारतीय धरती पर प्रमुख ‘प्लेटफार्म’ के उत्पादन पर जोर देने से नहीं हिचकिचाएगा। उन्होंने कहा, मैं इसे बहुत स्पष्ट और विश्वास के साथ बताता हूं। और आपको यह जानकर खुशी होगी कि मुझे उनकी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 209 सैन्य उपकरणों का आयात नहीं करने के सरकार के फैसले का भी उल्लेख किया और संकेत दिया कि सूची के तहत इन वस्तुओं की संख्या लगभग 1,000 को छू सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं ‘इंडिया बियॉन्ड 75’ की बात करता हूं, तो मेरा मानना है कि यह ‘सकारात्मक सूची’ इस दशक में लगभग 1000 वस्तुओं की होगी। मैं इसे लेकर बहुत सकारात्मक हूं। रक्षा मंत्री ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच ”निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा” की आवश्यकता के बारे में भी बात की और 200 साल से अधिक पुराने आयुध निमार्णी बोर्ड के निगमीकरण को स्वतंत्रता के बाद रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार बताया।

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