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भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट का बड़ा एक्शन: परमबीर और दो अन्य को घोषित किया भगोड़ा

मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Mumbai Police Commissioner Parambir Singh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुंबई की एक अदालत (a court in mumbai) ने परमबीर सिंह और दो अन्य लोगों को बुधवार को भगोड़ा (fugitive) घोषित कर दिया। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उनके और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले (corruption cases) में की गई है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने पिछले शनिवार को कोर्ट का रुख किया था और कोर्ट से आग्रह किया था कि परमबीर को भगोड़ा क्यों न घोषित कर दिया जाए। इसके बाद कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया है।

वहीं गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज इस मामले में मुंबई पुलिस का बर्खास्त एपीआई सचिन वाजे (sacked api sachin waje) भी एक आरोपी है। इसके अलावा पुणे में भी इस साल मई से लापता चल रहे सिंह के खिलाफ वसूली का एक मामला दर्ज किया गया है। सिंह के खिलाफ पहले ही तीन गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। जबकि दो अन्य आरोपी विनय सिंह और रियाज भाटी (Vinay Singh and Riyaz Bhati) का अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है।

अदालत द्वारा अपराधी घोषित किये जाने के बाद अब परमबीर सिह के लिए आगे के रास्ते और भी मुश्किल हो गये हैं। अब मुंबई पुलिस परमबीर सिंह के पते पर नोटिस चिपकाएगी। इसके अलावा अखबार में भी इस नोटिस को पब्लिश कर उनसे 30 दिनों के भीतर सामने आने के लिए कहा जाएगा।

तो शुरू हो होगी यह बड़ी कार्रवाई
विशेष लोक अभियोजक शेखर जगताप ने कहा कि अब पुलिस परमबीर सिंह को वांछित आरोपी घोषित कर सकती है और भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर वह 30 दिनों में कानून के पास नहीं आए तो पुलिस उनकी संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

अनिल देशमुख पर लगाया था यह बड़ा आरोप
परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) पर सौ करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था। इसके बाद मई में वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर छुट्टी पर गए थे। उसके बाद से वे लापता हैं। मामले की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के बार-बार तलब करने के बावजूद वे पेश नहीं हुए।

प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी (industrialist mukesh ambani) के घर के बाहर एक गाड़ी में विस्फोटक बरामद होने और इसके कुछ दिन बाद ही ठाणे के एक कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था।

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