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शरद यादव ने गरमाई बिहार की सियासत: होली बाद अपनी पार्टी का इस दल में विलय करने किया ऐलान

पटना। बिहार की सियासत में आए दिन उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में सीएम नीतीश कुमार और विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के बीच किसी तरह विवाद खत्म हुआ है। अब शरद यादव ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने तो अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल को लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के विलय करने का ऐलान किया है। इस बात की जानकारी शरद यादव ने स्वयं दी है। उन्होंने कहा कि होली के बाद 20 मार्च को उनकी पार्टी का आरजेडी में विलय हो जाएगा।

शरद यादव के मुताबिक जनता परिवार को मजबूत करने की कोशिश के तहत वो ये कदम उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि खराब सेहत की वजह से भी शरद यादव अपनी पार्टी का विलय करना चाहते हैं। शरद यादव ने कहा कि इस मौके पर उनके दिल्ली स्थित निवास पर एक कार्यक्रम होगा। बता दें कि जेडीयू से अलग होने के बाद से लोकतांत्रिक जनता दल कभी अपना प्रभाव नहीं दिखा सकी। राष्ट्रीय जनता दल में लोकतांत्रिक जनता दल के विलय को शरद यादव और लालू यादव के राजनीतिक करियर के विराम के तौर पर भी देखा जा रहा है।

शरद यादव ने अपनी पार्टी के विलय के सवाल पर कहा कि ‘जनतांत्रिक जनता पार्टा की विलय जनता परिवार को साथ लाने की उनकी कोशिश का नतीजा है। आज देश के राजनीतिक हालात को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया था’ शरद यादव ने ये भी कहा कि बीजेपी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है और देश की जनता मजबूत विपक्ष की तलाश में है।

शरद याव ने कहा कि ‘1989 में अकेले 143 सांसद जनता दल के थे। बाद में धीरे-धीरे पार्टी सामाजिक न्याय के एजेंडे को भूलती चली गई। आज समय है कि उसे फिर से जिंदा किया जाए.’ शरद यादव की बेटी ने 2020 में आरजेडी की टिकट पर बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गई थीं।

अगस्त में दिल्ली में की थी मुलाकात
लालू यादव ने 3 अगस्त 2021 को नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी। शरद यादव से मुलाकात के बाद लालू ने सियासी मसलों को लेकर भी खुलकर बात की थी। लालू यादव ने कहा कि शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है। उस समय भी शरद यादव के पार्टी को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेने के संकेत मिल रहे थे।





चारा घोटाले में फंसने के बाद जनता दल से बाहर गए थे लालू
गौरतलब है कि चारा घोटाले में नाम आने के बाद लालू यादव 1997 में जनता दल से बाहर निकल गए थे और खुद की पार्टी बनाई थी। इसके पीछे कारण ये था कि चारा घोटाले को लेकर पार्टी के भीतर ही लालू यादव पर सवाल उठने लगे थे क्योंकि वो इस घोटाले के मुख्य आरोपी थे। शरद यादव को उस वक्त लालू यादव का विरोधी समझा जाता था। 2005 में शरद यादव ने बिहार में लालू यादव के 15 साल के शासन को खत्म करने के लिए नीतीश कुमार का साथ भी दिया।

शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से अलग होकर बनाई थी पार्टी
बता दें कि नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया था। शरद यादव के साथ अली अनवर सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद शरद यादव 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव भी लड़े। लेकिन जेडीयू के दिनेश्वर यादव से 1 लाख वोटों से हार गए।

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