सीतारमण ने निचले सदन में जम्मू कश्मीर के लिये वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग भी पेश कीं जो 18,860.32 करोड़ रूपये की हैं। उन्होंने इसके साथ एक प्रस्ताव भी पेश किया जिसमें कुछ नियमों को निलंबित करके सदन में इसे पेश किये जाने के दिन ही चर्चा शुरू करने की अनुमति देने की बात कही गई है।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिये वित्त वर्ष 2022-23 का 1.42 लाख करोड़ रूपये का बजट पेश किया। सीतारमण ने निचले सदन में जम्मू कश्मीर के लिये वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग भी पेश कीं जो 18,860.32 करोड़ रूपये की हैं। उन्होंने इसके साथ एक प्रस्ताव भी पेश किया जिसमें कुछ नियमों को निलंबित करके सदन में इसे पेश किये जाने के दिन ही चर्चा शुरू करने की अनुमति देने की बात कही गई है। जिस पर विपक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए सरकार से मांग की कि बजट प्रस्तावों के अध्ययन के लिये उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया है, यह सभा, लोकसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 205 को जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के वर्ष 2022-23 के बजट तथा वित्त वर्ष 2021-22 के अनुदान की अनुपूरक मांगों को लागू करने के संबंध में निलंबित करती है ताकि बजट को उसी दिन प्रस्तुत किया जा सके और उस पर चर्चा की जा सके। नियम 205 में यह उपबंध है कि बजट पर उस दिन कोई चर्चा नहीं होगी जिस दिन इसे सभा में प्रस्तुत किया जाता है।
जिस पर कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि बजट की जांच परख एवं चर्चा करना इस सदन की बुनियादी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा नहीं है, ऐसे में इस पर चर्चा करने की जिम्मेदारी इस सदन की है। उन्होंने सवाल किया कि जब सदस्यों के पास बजट से जुड़ा कोई कागज नहीं है तो फिर किस चीज पर चर्चा होगी? तिवारी ने कहा कि इस पर कल चर्चा होनी चाहिए और आसन को इस बारे में व्यवस्था देनी चाहिए।
वहीं आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि नियम में 205 बहुत स्पष्ट है कि बजट को पेश करने के दिन इस पर चर्चा नहीं होगी और संविधान में इसका प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सदस्यों के पास बजट की कोई प्रति नहीं है तो वे कैसे देखेंगे कि जम्मू-कश्मीर का हित सुनिश्चित हो। इस पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अगर यह विषय एजेंडे में शामिल है जो इसकी लोकसभा अध्यक्ष ने मंजूरी दी होगी।
इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से इस नियम में छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। भोजनावकाश के बाद सदन में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा शुरू होने पर भी आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने बजट पेश किये जाने के दिन ही इस पर चर्चा कराये जाने को लेकर व्यवस्था का प्रश्न उठाया ।
इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 में भी दिल्ली केंद्रशासित क्षेत्र के लिए तत्कालीन संप्रग सरकार ने बजट के साथ अनुपूरक मांगों को चर्चा के लिए रखा था। उन्होंने कहा कि उस समय भी आसन ने अनुमति दी थी और इस बार भी अध्यक्ष ने इसके लिए अनुमति दी है। वहीं, पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी राज्य के बजट पर चर्चा उसके प्रस्तुत किये जाने के दिन ही हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसा हुआ है और इसी प्रकार की अनुदान की अनुपूरक मांगें भी प्रस्तुत किये जाने के दिन ही चर्चा के लिए ली गयी हैं।