क्रिकेट की दुनिया (world of cricket) में रहते हुए भी सिद्धू टीम इंडिया (Team India) के साथ भी बगातव की थी और कैप्टन अजहरुद्दीन (Captain Azharuddin) से खफा होकर इंग्लैंड दौरे (England tour) को बीच में छोड़कर वापस भारत आ गए थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा (BJP) में भी बगावत की थी और कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया था। सिद्धू अपने बगावती सुरों से सुर्खियां बटोरते रहे हैं
जालंधर (पंजाब)। क्रिकेटर (cricketer) से राजनेता (politician) बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के लिए यह पहला मौका नहीं है, जब उन्होंने बगावत (rebellion) की है। इससे पहले भी वह कई बार ऐसे तेवर दिखा चुके हैं। क्रिकेट की दुनिया (world of cricket) में रहते हुए भी सिद्धू टीम इंडिया (Team India) के साथ भी बगातव की थी और कैप्टन अजहरुद्दीन (Captain Azharuddin) से खफा होकर इंग्लैंड दौरे (England tour) को बीच में छोड़कर वापस भारत आ गए थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा (BJP) में भी बगावत की थी और कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया था। सिद्धू अपने बगावती सुरों से सुर्खियां बटोरते रहे हैं
अब पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव होने हैं इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस में बागवती तेवर अपना लिए हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी बगावती तेवर अपनाया था और अपने पाले में विधायकों को लेकर सिद्धू ने कैप्टन को सीएम की कुर्सी से बेदखल कर दिया।
जेटली के खिलाफ भी अख्तियार किया था बगावती सुर
नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में भाजपा की टिकट पर अमृतसर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। उन पर उस वक्त एक पुराना मुकदमा चल रहा था। पटियाला निवासी गुरनाम सिंह को पार्किंग विवाद के दौरान पीटने का आरोप था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे अरुण जेटली (Arun Jaitley, senior BJP leader) ने सिद्धू की पैरवी की और सिद्धू को जमानत मिली।
सिद्धू ने अपनी सियासी पारी में अरुण जेटली को अपना गुरू बना लिया। 2014 में बीजेपी ने यहां से अरुण जेटली को अपना उम्मीदवार बनाया तो सिद्धू ने घोषणा कर दी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। महत्वाकांक्षी सिद्धू ने इसके बाद बगावती सुर अख्तियार कर लिया। वह अपने सियासी गुरू अरुण जेटली का चुनाव प्रचार करने अमृतसर नहीं पहुंचे।
किक्रेट में कप्तान के खिलाफ की बगावत
नवजोत सिंह सिद्धू 2004 में राजनीति में आए। खेल में उनका कैरियर विवादों से दूर नहीं रहा। क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा कि 1996 के इंग्लैंड दौरे के वक्त नवजोत सिंह सिद्धू कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से बगावत कर बीच दौरे में स्वदेश लौट आए थे। काफी बवाल मचा और बात उठी कि एक संयम रखना खिलाड़ी का सबसे बड़ा गुण है।